नयी दिल्ली। राजधानी स्थित बत्रा अस्पताल में शनिवार को यहां के गैस्ट्रोएंट्रोलॉजी (जठरांत्र विज्ञान) विभाग के प्रमुख सहित 12 कोरोना संक्रमित मरीजों की ऑक्सीजन की कमी के कारण मौत हो गई। बत्रा अस्पताल के चेयरमैन डॉ. एसलीएल गुप्ता ने ये जानकारी दी है।
डॉक्टर एससीएल गुप्ता ने बताया कि पांच अन्य गंभीर मरीजों को बचाने के प्रयास किये जा रहे हैं। राजधानी के विभिन्न अस्पतालों ने पिछले सप्ताह संकट कालीन संदेश (एसओएस) जारी कर ऑक्सीजन आपूर्ति खत्म होने के कगार पर होने की बात कही थी। दिल्ली की सरकार भी लगातार कह रही है कि उसे उसके हिस्से का ऑक्सीजन नहीं मिल पा रहा है।
दिल्ली हाइकोर्ट ने बत्रा अस्पताल की घटना पर जताई नाराजगी
दिल्ली हाईकोर्ट ने बत्रा अस्पताल की घटना को संज्ञान में लेते हुए नाराजगी जताई है। दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि केंद्र को ऑक्सीजन का इंतजाम करना होगा। क्या मरते लोगों को देखकर आंखें मूंद ली जा सकती है। कोर्ट ने कहा कि दिल्ली को आवंटित ऑक्सीजन देना केंद्र सरकार की जिम्मेदारी है। पानी सिर से ऊपर जा चुका है, तुरंत केंद्र दिल्ली को ऑक्सीजन दे। कोर्ट ने कहा कि आज दिल्ली को 490 मिट्रिक टन ऑक्सीजन केंद्र सरकार दे। केंद्र को ऑक्सीजन का इंतजाम करना होगा।
दिल्ली उच्च न्यायालय ने केंद्र को निर्देश दिया कि वह दिल्ली को आवंटित ऑक्सीजन में से शनिवार को ही 490 मीट्रिक टन प्राणवायु की आपूर्ति करे। इसने कहा कि ऐसा न करने पर उसे अवमानना कार्रवाई का सामना करना होगा। अदालत ने यहां बत्रा अस्पताल में ऑक्सीन आपूर्ति की कमी की वजह से आठ लोगों की मौत का संज्ञान लिया और सरकार से कहा, ‘‘बस बहुत हो गया।’’ इसने केंद्र से पूछा, ‘‘आपको क्या लगता है कि जब दिल्ली में लोग मर रहे हैं तो हम आंखें बंद कर लेंगे।’’ अदालत ने अपना आदेश टालने से इनकार कर दिया और कहा, ‘‘पानी सिर के ऊपर आ चुका है।’’ इसने कहा कि सरकार ने दिल्ली के लिए ऑक्सीजन आवंटन किया है और उसे यह पूरा करना चाहिए।