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Hindi News दिल्ली Okhla Assembly Election: ओखला से चुनावी मैदान में फिर अमानतुल्लाह खान, लगा पाएंगे हैट्रिक?

Okhla Assembly Election: ओखला से चुनावी मैदान में फिर अमानतुल्लाह खान, लगा पाएंगे हैट्रिक?

ओखला विधानसभा सीट पर हैट्रिक लगाने के लिए आम आदमी पार्टी से अमानतुल्लाह खान चुनावी मैदान में हैं। उनका मुकाबला बीजेपी और कांग्रेस पार्टी के प्रत्याशियों से रहेगा।

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Okhla Assembly Election: दिल्ली में विधानसभा चुनाव के लिए तारीख का ऐलान हो गया है। सभी सियासी पार्टियां अपने-अपने समीकरण साधने में जुटी हैं। दिल्ली की सभी 70 विधानसभा सीटों पर 05 फरवरी को वोटिंग होगी और नतीजे 08 फरवरी को घोषित किए जाएंगे। आम आदमी पार्टी (AAP) लगातार चौथी बार सत्ता पर काबिज होने के लिए रणनीति बनाने में जुटी है, तो वहीं बीजेपी और कांग्रेस भी इस रेस में अपनी पूरी ताकत झोंक दी हैं। ऐसे में दिल्ली की चर्चित विधानसभा सीटों में शुमार ओखला विधानसभा क्षेत्र की बात की जाए तो यहां आम आदमी पार्टी का कब्जा है। 

मुस्लिम बहुल क्षेत्र ओखला विधानसभा सीट पर इस बार सभी की नजरें टिकी हैं। ओखला सीट जनरल कैटेगरी की विधानसभा सीट है। इस सीट पर पिछले दो बार से आम आदमी पार्टी के अमानतुल्लाह खान जीत रहे हैं। यहां पर भारतीय जनता पार्टी का अब तक खाता तक नहीं खुल सका है। यह सीट दक्षिण पूर्वी दिल्ली जिले में स्थित है। यहां से आम आदमी पार्टी ने एक बार फिर अमानतुल्लाह खान को ही टिकट दिया है। बीजेपी ने मनीष चौधरी को प्रत्याशी बनाया है, जबकि कांग्रेस के उम्मीदवार के नाम का ऐलान होना बाकी है।

क्या रहे पिछले चुनाव के नतीजे? 

साल 2020 के विधानसभा चुनाव में ओखला सीट पर आम आदमी पार्टी के अमानतुल्लाह खान को जीत मिली थी। अमानतुल्लाह खान ने बीजेपी के ब्रह्म सिंह को 71,827 मतों के अंतर से हराया था। कांग्रेस के परवेज हाशमी तीसरे स्थान पर रहे थे। 2020 के चुनाव में अमानतुल्लाह खान को 130,367 वोट मिले, जबकि ब्रह्म सिंह के खाते में 58,540 वोट आए थे। परवेज हाशमी को महज 5,123 वोट मिले। इस सीट पर 58.97 फीसदी वोट पड़े थे। यहां पर कुल 3,35,539 मतदाता थे, जिसमें से 1,97,652 वोटर्स ने ही वोट डाले।

ओखला सीट पर सियासी समीकरण

दिल्ली की राजनीति में ओखला विधानसभा सीट अहम मानी जाती है। इस सीट का इतिहास पुराना है। साल 1993 से यहां विधानसभा चुनाव कराए जा रहे हैं। तब परवेज हाशमी ने जनता दल के टिकट पर जीत हासिल की थी। फिर वह कांग्रेस में चले आए और 1998 के चुनाव में भी जीत दर्ज की। 2003 के चुनाव में भी वह कांग्रेस के टिकट पर चुने गए। फिर 2008 के चुनाव से पहले परिसीमन के जरिए सीट की सीमा में बदलाव किया गया। 2008 में परवेज हाशमी ने लगातार चौथी जीत हासिल की। इस बीच, हाशमी राज्यसभा भेज दिए गए जिसकी वजह से यह सीट खाली हो गई और यहां पर उपचुनाव में राष्ट्रीय जनता दल के आसिफ मुहम्मद खान को जीत मिली। 2013 के चुनाव से पहले आसिफ कांग्रेस में शामिल हो गए और जीत भी हासिल की। इस चुनाव में आम आदमी पार्टी की एंट्री हो गई थी, लेकिन वह दूसरे स्थान पर रही।

ओखला विधानसभा सीट पर साल 2015 के चुनाव में आम आदमी पार्टी के टिकट पर अमानतुल्लाह खान ने जीत हासिल की। 2013 में वह लोक जनशक्ति पार्टी के टिकट पर उतरे थे और छठे स्थान पर रहे, लेकिन इस बार वह विधायक चुने गए। 2020 में भी अमानतुल्लाह खान ने बड़े अंतर के साथ आम आदमी पार्टी के टिकट पर जीत हासिल की।