नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी से मॉनसून वापसी में हुई देरी से दिल्ली में हवा की क्वॉलिटी पर आने वाले दिनों में बहुत ही खराब असर हो सकता है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, दिल्ली में रविवार की सुबह साढ़े नौ बजे वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 116 रहा जो ‘मध्यम’ श्रेणी में आता है, वहीं शनिवार को यह 165 रहा था। गौरतलब है कि शून्य से 50 के बीच एक्यूआई को ‘अच्छा’, 51 से 100 के बीच एक्यूआई को संतोषजनक, 101 से 200 के बीच को ‘मध्यम’, 201 से 300 के बीच को ‘खराब’, 301 से 400 के बीच को ‘बेहद खराब’ तथा 401 से 500 के बीच एक्यूआई को ‘गंभीर’ माना जाता है।
इस हफ्ते के अंत तक और खराब हो सकती है हवा
पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के वायु गुणवत्ता निगरानीकर्ता एजेंसी ‘सफर’ ने कहा कि दक्षिण पश्चिम के शुष्क क्षेत्रों से आने वाली धूल ने दिल्ली को प्रभावित करना शुरू कर दिया है तथा खेतों में पराली जलनी शुरू हो गई है। इन सबके चलते शहर की वायु गुणवत्ता प्रभावित होने की आशंका है। भारतीय मौसम विभाग के अनुसार दिल्ली से मॉनसून की वापसी सोमवार से शुरू होगी। विभाग ने कहा, 'मॉनसून वापसी में हो रही देरी से इस सप्ताहांत तक वायु गुणवत्ता पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।' नासा में यूनिवर्सिटीज स्पेस रिसर्च असोसिएशन में वरिष्ठ वैज्ञानिक पवन गुप्ता ने कहा कि शनिवार को पंजाब में आग जलने की 280 घटनाएं हुई हैं।
पिछले साल दिल्ली में हवा की क्वॉलिटी थी बेहद गंभीर
दिल्ली में बीते साल के आखिरी महीनों में प्रदूषण का स्तर बेहद गंभीर था। हवा की क्वॉलिटी में गिरावट का असर सीधे लोगों की सेहत पर पड़ता है। दिल्ली और आसपास के इलाकों में छोटे बच्चों से लेकर बड़ों तक पर प्रदूषण का विपरीत असर देखने को मिला है। हवा के प्रदूषित होने की वजह से एक तरफ जहां सांस की बीमारी से पीड़ित लोगों के लिए खतरा बढ़ जाता है, वहीं नए लोगों में भी इससे जुड़ी दिक्कतें पैदा हो जाती हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि यदि दिल्ली में पराली के चलते प्रदूषण बढ़ा तो कोरोना वायरस को लेकर स्थिति और गंभीर हो सकती है।