नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी और इसके आसपास के क्षेत्रों में तेज हवा चलने से सोमवार को वायु गुणवत्ता में मामूली सुधार आया और दृश्यता भी बेहतर हुई। दिल्ली में पिछले 24 घंटे के दौरान औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 311 दर्ज किया गया, जो रविवार के 349 के मुकाबले कम रहा। रविवार को भी तेज हवा के कारण एक्यूआई में कमी आई थी, इससे पहले शनिवार को एक्यूआई 374 था।
सोमवार को दिल्ली से सटे फरीदाबाद में एक्यूआई 330, गाजियाबाद में 254, ग्रेटर नोएडा में 202, गुरुग्राम में 310 और नोएडा में 270 दर्ज किया गया। एक्यूआई को शून्य और 50 के बीच 'अच्छा', 51 और 100 के बीच 'संतोषजनक', 101 और 200 के बीच 'मध्यम', 201 और 300 के बीच 'खराब', 301 और 400 के बीच 'बहुत खराब' और 401 और 500 के बीच 'गंभीर' श्रेणी में माना जाता है।
भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के वरिष्ठ वैज्ञानिक आरके जेनामणि ने कहा कि 25 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चली पश्चिमी हवाओं से दृश्यता सुधरकर 3,200 मीटर तक हो गई। उन्होंने कहा कि नवंबर के दौरान अब तक केवल सोमवार का ही दिन रहा जब पालम वेधशाला ने 3,000 मीटर से अधिक की दृश्यता और इतनी तेज हवा दर्ज की।
वायु गुणवत्ता की निगरानी करने वाली पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय की एजेंसी ''सफर'' ने कहा कि सोमवार को एक्यूआई ‘बहुत खराब’ श्रेणी में काफी निचले स्तर पर रहा। एजेंसी ने इसका श्रेय पराली जलाने की घटनाओं में कमी और तेज हवा को दिया। सफर के मुताबिक, मंगलवार को भी तेज हवा जारी रहने की उम्मीद है, जिससे वायु गुणवत्ता में (पराली जलाने की घटनाएं नहीं बढ़ीं तो) और अधिक सुधार देखा जा सकता है।
इसने कहा कि सोमवार को चली तेज हवा के मंगलवार को भी बने रहने की उम्मीद है। हालांकि, बुधवार से हवा की गति मंद पड़ने के पूर्वानुमान के चलते वायु गुणवत्ता प्रभावित हो सकती है। सफर के मुताबिक, सोमवार को पराली जलाने की 909 घटनाओं का दिल्ली के पीएम 2.5 कणों के प्रदूषण में छह फीसदी योगदान रहा।
(इनपुट- भाषा)