नई दिल्ली: अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) दिल्ली के रेजिडेंट डॉक्टरों को उनके हॉस्टल में साफ पानी नहीं मिल पा रहा है। हॉस्टल के नल के पानी से कथित तौर पर कीड़े निकल रहे हैं। कई बार शिकायत करने के बाद भी समस्या का समाधान नहीं हुआ है। डॉक्टरों ने इस समस्या के बारे में डायरेक्टर को एक पत्र लिखा है और इसे "मेडिकल इमरजेंसी" के तौर पर लेने की अपील की है क्योंकि इस पानी का इस्तेमाल सब्जियों, फलों को साफ करने और नहाने के लिए किया जाता है ।
पत्र में, रेजिडेंट डॉक्टरों ने कहा है कि पिछले एक हफ्ते से कुछ हॉस्टलों के पानी में जिंदा कीड़े पाए जा रहे हैं। ये समस्या लगातार हो रही है। इस साल अक्टूबर में भी उन्होंने संबंधित अथॉरिटी को इसकी सूचना दी थी, लेकिन कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।
गैस्ट्रो से जुड़ी समस्याएं आ रहीं सामने
रेजिडेंट डॉक्टरों ने पत्र में कहा है कि जब भी माइक्रोबॉयोलॉजी विभाग ने हॉस्टलों में पानी की गुणवत्ता का टेस्ट किया है, रिपोर्ट असंतोषजनक और उपयोग के लिए पूरी तरह से अयोग्य रही है। ज्यादातर प्रभावित हॉस्टल ट्रॉमा सेंटर परिसर से हैं। पत्र में कहा गया है, कई निवासियों को गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल कठिनाइयों का भी सामना करना पड़ रहा है। हालांकि हॉस्पिटल अधीक्षक संदीप अग्रवाल ने इस मुद्दे पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।