नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी में महिलाओं के साथ बलात्कार और उत्पीड़न के मामलों में इस साल के पहले साढ़े पांच महीनों में पिछले साल की इसी अवधि की तुलना में लगभग 40 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जबकि जघन्य अपराधों की कुल संख्या में मामूली कमी आई है। अधिकारियों द्वारा मंगलवार को साझा किए गए आंकड़ों के मुताबिक, जनवरी से 15 जून की अवधि में पिछले साल की समान अवधि की तुलना में छिनैती के मामलों में 46 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। आंकड़ों के मुताबिक, पिछले साल के 2,436 मामलों की तुलना में इस बार जघन्य अपराध के कुल 2,315 मामले सामने आए हैं।
साढ़े पांच महीनों में बलात्कार के 833 मामले
अधिकारियों ने बताया कि हत्या, दंगा और फिरौती के लिए अपहरण के मामलों में कमी आई है, जबकि डकैती, हत्या के प्रयास और बलात्कार की घटनाओं में वृद्धि हुई है। एक जनवरी से 15 जून के बीच दिल्ली पुलिस ने जघन्य अपराधों के 2,315 मामले दर्ज किए। इसमें डकैती के 7, हत्या के 196, हत्या के प्रयास के 295, लूट के 942, दंगा के 35, फिरौती के लिए अपहरण के 7 और बलात्कार के 833 मामले शामिल हैं। पिछले साल इसी अवधि में, दिल्ली में डकैती के 4 मामले, हत्या के 226, हत्या के प्रयास के 236, लूट के 701, दंगा के 681 मामले, फिरौती के लिए अपहरण के 8 और रेप के 580 मामले सामने आए थे। अधिकारियों ने कहा कि इस साल बलात्कार के मामलों में करीब 43 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
गैर-जघन्य अपराधों की संख्या भी बढ़ी
अधिकारियों ने कहा कि महिलाओं के शील भंग के मामलों में 39 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। इस साल 1,022 ऐसे मामले दर्ज किए गए, जबकि पिछले साल इसी अवधि में 735 मामले दर्ज किए गए थे। गैर-जघन्य अपराधों की संख्या में करीब 8 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि हुई है। वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी बालाजी श्रीवास्तव ने एस एन श्रीवास्तव के सेवानिवृत्त होने के बाद बुधवार को दिल्ली पुलिस के आयुक्त के रूप में अतिरिक्त कार्यभार संभाला। पुलिस आयुक्त के रूप में कार्यभार संभालने के तुरंत बाद, श्रीवास्तव ने पुलिस मुख्यालय में शीर्ष पुलिस अधिकारियों के साथ एक बैठक की। उन्होंने इसमें आने वाले दिनों में दिल्ली पुलिस के लिए प्राथमिकता वाले क्षेत्रों और रूपरेखा पर चर्चा की।