नई दिल्ली: पिछले साल कोरोना महामारी के कारण मुंबई में आजीविका खोने के बाद परेशान 44 वर्षीय नृत्य शिक्षक बालाजी सावलकर नई शुरुआत के मकसद से दिल्ली आ गए। लेकिन राष्ट्रीय राजधानी में उन्हें नृत्य सीखने वाला कोई नहीं मिला। ऐसे हालात में दिल्ली पुलिस ने एक रेस्तरां में नौकरी पाने में उनकी मदद की। पैसे खत्म होने पर सावलकर ने दिल्ली के एक रैन बसेरा (बेघर लोगों के लिए बना आश्रय गृह) में रहना शुरू किया।
सावलकर ने कहा कि वह एक पेशेवर नर्तक हैं और पिछले 20 सालों से प्रदर्शन कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि उन्होंने वर्ष 2013 में मुंबई के साकी नाका में ‘बाली स्टेप ऑफ डांस क्लासेज’ नाम से एक नृत्य अकादमी खोली थी। सावलकर ने कहा कि उनकी ‘बाली इवेंट्स एंड एंटरटेनमेंट एलएलपी’ नाम की एक पंजीकृत कंपनी भी है, लेकिन इसे अभी बंद कर दिया है। सावलकर ने कहा कि मुंबई में उनका एक नृत्य संस्थान था, लेकिन कोविड-19 के कारण इसे बंद करना पड़ा, क्योंकि परिसर किराये पर था।
उन्होंने कहा कि मुंबई से बाहर निकलने पर वह ओडिशा और बिहार सहित विभिन्न स्थानों पर चार-पांच छात्रों के घर गए। सावलकर ने कहा कि वह नई अकादमी खोलने की संभावना तलाश रहे थे, लेकिन हर जगह स्थिति एक जैसी दिखी। वह चार नवंबर को दिवाली पर ट्रेन से दिल्ली पहुंचे, तो शुरू में बंगला साहिब गुरुद्वारा में रहना शुरू किया, लेकिन पैसे खत्म होने के बाद रैन बसेरा में रहने चले गए। सावलकर ने कहा कि एक दिन थाना प्रभारी रैन बसेरा में आए और उनको तथा कुछ अन्य लोगों को नौकरी तलाशने में मदद करने की बात कही। इसके बाद सावलकर को कनॉट प्लेस स्थित रेस्तरां के पैकेजिंग विभाग में 18 जनवरी को 18 हजार रुपये प्रति माह की नौकरी मिल गई।
सावलकर का लक्ष्य नृत्य शिक्षक के पेशे को जारी रखना है, लेकिन नृत्य का काम नहीं मिलने तक काम करने का फैसला किया है। सावलकर ने कहा, ‘‘मैंने दो वर्ल्ड टूर किए हैं। मैंने बॉलीवुड के करीब हर अवॉर्ड शो में मशहूर अभिनेताओं के साथ प्रस्तुति दी है।” उन्होंने कहा कि वर्ष 2007 में उनकी शादी हुई, लेकिन लंबे समय तक नहीं चली और उन्हें आठ महीने के भीतर अलग होना पड़ा।
(इनपुट- एजेंसी)