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Hindi News दिल्ली VIDEO: 14.14 करोड़ रुपये की हेरोइन के साथ महिला गिरफ्तार, जानें बैग में कैवेटी बनाकर कैसे रखा गया था

VIDEO: 14.14 करोड़ रुपये की हेरोइन के साथ महिला गिरफ्तार, जानें बैग में कैवेटी बनाकर कैसे रखा गया था

कस्टम विभाग और नारकोटिक्स विभाग ने पिछले करीब एक साल में अरबों रुपये के ड्रग्स जब्त किए हैं। इनमें हेरोइन, एमडी, एमडीएमए, गांजा समेत अलग-अलग तरह के बेहद उच्च क्वॉलिटी के ड्रग्स को जब्त करते हुए विदेशी मुल्क के लोगों समेत तमाम गिरफ्तारियां की हैं।

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Highlights

  • कस्टम विभाग और नारकोटिक्स विभाग ने पिछले करीब 1 साल में अरबों रुपये के ड्रग्स जब्त किए
  • ड्रग्स के कारोबार में सबसे ज्यादा ऐक्टिव अफ्रीकी मुल्क के लोग हैं
  • ड्रग्स तस्कर हर बार अलग-अलग तरीके से विदेशों से भारत में लाते हैं हेरोइन

नई दिल्ली: दिल्ली के आईजीआई एयरपोर्ट पर मंगलवार को कस्टम डिपार्टमेंट ने दुबई से आने वाली एक महिला को इंटरसेप्ट कर उसके बैग की तलाशी ली। तलाशी के दौरान युगांडा की नागरिक इस महिला के बैग में कैवेटी बनाकर रखा हुआ 2020 ग्राम हेरोइन मिला। NDPS ऐक्ट के तहत हेरोइन को जप्त करके विदेशी महिला को गिरफ्तार कर लिया गया है। इंटरनेशनल मार्किट में रिकवर की गई हेरोइन की कीमत 14.14 करोड़ रुपये है।

कस्टम विभाग और नारकोटिक्स विभाग ने पिछले करीब एक साल में अरबों रुपये के ड्रग्स जब्त किए हैं। इनमें हेरोइन, एमडी, एमडीएमए, गांजा समेत अलग-अलग तरह के बेहद उच्च क्वॉलिटी के ड्रग्स को जब्त करते हुए विदेशी मुल्क के लोगों समेत तमाम गिरफ्तारियां की हैं। ड्रग्स के कारोबार में सबसे ज्यादा ऐक्टिव अफ्रीकी मुल्क के लोग हैं जो हर बार अलग-अलग तरीके से विदेशों से भारत में ड्रग्स की तस्करी करते है। कस्टम और एनसीबी द्वारा नकेल कसे जाने पर ये अपने रूट और तरीके बदल देते हैं। कभी बैग में कैवेटी बनाकर ड्रग्स की तस्करी तो कभी जूते की सोल में छिपाकर तो कभी कपड़ो की सिलाई में डिजाइन बनाकर ड्रग्स की तस्करी की जाती है। 

कई बार विदेशी मूल के लोग ड्रग्स के कैप्सूल को पेट में निगल कर भारत आए हैं और तबियत बिगड़ने पर जांच में उनके पेट में कैप्सूल होने का खुलासा हुआ है। जांच एजेंसी के अफसर भी इस बात को सही मानते है कि वे जैसे-जैसे इनके मॉड्यूल का भंडाफोड़ करते हैं, तस्कर अपने तरीके बदल देते है। यहां तक कि एक बार धार्मिक किताबो में कैविटी बनाकर ड्रग्स की तस्करी की गई थी, जिसका भांडाफोड़ साल 2015 में एनसीबी की दिल्ली जोनल यूनिट ने किया था। 

बावजूद इसके विदेशी तस्कर नए-नए तरीके अपनाकर ड्रग्स को भारत पहुंचाते हैं। इसके बाद ड्रग्स को रेव पार्टी समेत इसके तमाम खरीदारों तक पहुंचाया जाता है जिसमें बॉलीवुड भी अछूता नही है। मायानगरी मुंबई हो या गोवा या दिल्ली के तमाम इलाके यहां इनकी डिमांड बहुत ज्यादा है जिस वजह से तस्कर हर रिस्क लेकर इनकी तस्करी करते हैं। हालांकि कस्टम और एनसीबी इनपर नकेल कसने की पुरजोर कोशिश करती रहती है जिस वजह से ऐसे गैंग का भंडाफोड़ आए दिन होता रहता है।