A
Hindi News दिल्ली दिल्ली में तेजी से बढ़ रहे हैं कोरोना के मामले, सत्येंद्र जैन बोले- मरने वाले मरीजों में थीं अन्य बीमारियां

दिल्ली में तेजी से बढ़ रहे हैं कोरोना के मामले, सत्येंद्र जैन बोले- मरने वाले मरीजों में थीं अन्य बीमारियां

राष्ट्रीय राजधानी में इस महीने के पहले 12 दिनों में 133 लोगों की मौत हो चुकी है। पिछले पांच महीनों में 54 लोगों की मौत हुई। इनमें से नौ की दिसंबर में, सात की नवंबर में, चार की अक्टूबर में, पांच की सितंबर में और 29 लोगों की मौत अगस्त में हुई। 

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल- India TV Hindi Image Source : PTI दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल

Highlights

  • महीने के पहले 12 दिनों में 133 लोगों की मौत हो चुकी है
  • पिछले पांच महीनों में 54 लोगों की मौत हुई
  • जुलाई में संक्रमण से दिल्ली में 76 लोगों ने जान गंवायी

दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने गुरुवार को कहा कि शहर में कोरोना वायरस संक्रमण के कारण अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीजों की दर स्थिर है लेकिन मामलों और संक्रमण दर में वृद्धि देखी गयी है। मंत्री ने कहा कि संक्रमण से होने वाली मौत के मामलों के विश्लेषण के लिए बनायी गई समिति ने पाया कि मृतकों में ज्यादातर वे लोग थे जिन्हें अन्य बीमारियां भी थीं। इस समिति की बैठक बुधवार को हुई। 

राष्ट्रीय राजधानी में इस महीने के पहले 12 दिनों में 133 लोगों की मौत हो चुकी है। पिछले पांच महीनों में 54 लोगों की मौत हुई। इनमें से नौ की दिसंबर में, सात की नवंबर में, चार की अक्टूबर में, पांच की सितंबर में और 29 लोगों की मौत अगस्त में हुई। जुलाई में संक्रमण से दिल्ली में 76 लोगों ने जान गंवायी। जैन ने कहा कि मामलों में जल्द ही गिरावट आनी शुरू हो सकती है। 

उन्होंने पत्रकारों से कहा, ‘पिछले चार दिनों में अस्पतालों में भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या स्थिर हो गयी है। मामले बढ़ रहे हैं लेकिन अस्पताल में भर्ती मरीजों की दर उसी अनुपात में नहीं बढ़ी है। जब 27,000 मामले आ रहे हैं तो अस्पताल में भर्ती मरीजों की दर उतनी ही है जितनी 10,000 मामले सामने आने के समय थी। अस्पताल में भर्ती मरीजों की स्थिर दर यह संकेत देती है कि कोरोना वायरस की यह लहर स्थिर हो गयी है।’

दिल्ली में बुधवार को कोविड-19 के 27,561 मामले आए, जो महामारी के फैलने के बाद से एक दिन में आए सबसे अधिक मामले हैं और 40 लोगों की मौत हुई जबकि संक्रमण दर बढ़कर 26.22 प्रतिशत हो गई।