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Hindi News दिल्ली दिल्ली में हैं कुल 102 containment zone, सबसे ज्यादा 21 नार्थ जिले में

दिल्ली में हैं कुल 102 containment zone, सबसे ज्यादा 21 नार्थ जिले में

देश की राजधानी दिल्ली में कंटेनमेंट जोन्स की संख्या घटकर 102 रह गई है।  फिलहाल सबसे ज्यादा कंटेनमेंट जोन नार्थ जिले में हैं।

India Gate Delhi- India TV Hindi Image Source : AP Representational Image

नई दिल्ली. देश की राजधानी दिल्ली में कंटेनमेंट जोन्स की संख्या घटकर 102 रह गई है।  फिलहाल सबसे ज्यादा कंटेनमेंट जोन नार्थ जिले में हैं। अभी नार्थ जिले में 21 कंटेनमेंट जोन है, जबकि वेस्ट जिले में सबसे कम 3 कंटेनमेंट जोन हैं। सेंट्रल जोन में 10 कंटेनमेंट जोन थे, जिनमें से 3 को खोल दिया गया है। अब यहां 7 कंटेनमेंट जोन बाकी रह गए हैं।

बात अगर पूर्वी जिले की करें, तो यहां 15 में से 10 कंटेनमेंट जोन अब खोल दिए गए हैं, यह अब महज 5 कंटेनमेंट जो रह गए हैं। नई दिल्ली में 3, नार्थ वेस्ट में 10, नार्थ ईस्टे में 4, शाहदरा जिले में 8, साउथ जिले 13, साउथ ईस्ट जिले में 16, साउथ वेस्ट जिले में 12 कंटेनमेंट जोन हैं।

दिल्ली में कोविड-19 के 1106 नये मामले

दिल्ली में कोविड-19 से मौत का आंकड़ा 398 तक पहुंच गया है। इस घातक वायरस के संक्रमण के कारण पिछले एक महीने में 82 लोगों की मौत हुई है। राजधानी में 1,106 नये मामलों के साथ ही संक्रमितों की कुल संख्या 17 हजार के पार हो गयी है। उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया एवं स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने बताया कि 82 मौत में से 13 लोगों की मौत 27 मई को हुयी है।

सिसोदिया ने कहा, ‘‘बाकी के 69 लोगों की मौत 34 दिन में हुयी है। ये मामले विभिन्न अस्पतालों द्वारा देर से सूचित करने या अधूरी सूचनाएं देने के कारण, अब जा कर दर्ज किए जा रहे हैं।’’ उन्होंने कहा कि इन 69 मौतों में से 52 लोगों की मौत सफदरजंग अस्पताल में हुयी है।

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर शुक्रवार को कहा, ‘'मेरे दिल्ली वासियों, अगर आपको कोरोना वायरस का संक्रमण होता है तो चिंता करने की जरूरत नहीं है । आपमें से अधिकतर का इलाज घर पर ही पृथक-वास में हो सकता है। फिर भी अगर आपको अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता होती है तो हमारी पूरी तैयारी है। मैं ईश्वर से आपके बेहतर स्वास्थ्य एवं प्रसन्नता के लिये प्रार्थना करता हूं ।'’

केजरीवाल ने कहा, '‘ऐसे कोरोना मरीज, जिनमें या तो लक्षण नहीं हैं या फिर मामूली लक्षण हैं, वह घर पर ही ठीक हो सकते हैं और उन्हें अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता नहीं है।'’