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Hindi News दिल्ली 'दिल्ली में शारदा सिन्हा के नाम पर बनेगा छठ घाट', कांग्रेस ने किया चुनावी वादा, BJP-AAP पर साधा निशाना

'दिल्ली में शारदा सिन्हा के नाम पर बनेगा छठ घाट', कांग्रेस ने किया चुनावी वादा, BJP-AAP पर साधा निशाना

दिल्ली में चुनाव से पहले कांग्रेस ने शारदा सिन्हा के नाम पर छठ बनाने का वादा किया है। इसके अलावा भाजपा और आप पर भी जमकर निशाना साधा है।

कांग्रेस ने शारदा सिन्हा के नाम पर छठ घाट बनवाने का किया वादा।- India TV Hindi Image Source : PTI/FILE कांग्रेस ने शारदा सिन्हा के नाम पर छठ घाट बनवाने का किया वादा।

नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में विधानसभा चुनाव का बिगुल बज गया है। वोटिंग में अब एक महीने से भी कम का समय बचा है। ऐसे में सभी दलों की नजर अपने-अपने वोट बैंक पर टिकी हुई है। दिल्ली में इन दिनों पूर्वांचली वोटरों का मुद्दा गर्माया हुआ है। इस बीच कांग्रेस पार्टी ने पूर्वांचल और बिहार के वोटरों को साधने के लिए बड़ा वादा किया है। कांग्रेस पार्टी ने पूर्वांचल और बिहार के वोट को साधने के लिए कहा है कि वह दिल्ली में शारदा सिन्हा के नाम पर छठ घाट बनवाएगी। बता दें कि शारदा सिन्हा ने छठ पर्व के लिए कई लोकगीत गाए हैं। हाल ही में छठ पूजा के दौरान उनका निधन हो गया था।

शारदा सिन्हा को समर्पित होगा छठ घाट

कांग्रेस ने शुक्रवार को कहा कि वह महाकुंभ की तरह ही यमुना नदी के तट पर एक समर्पित छठ घाट बनाएगी। इस छठ घाट का नाम बिहार कोकिला दिवंगत शारदा सिन्हा के नाम पर होगा। कांग्रेस की बिहार इकाई के अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह ने संवाददाता सम्मेलन के दौरान दिल्ली के विकास में पूर्वांचल के लोगों के योगदान को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकार के दौरान राष्ट्रीय राजधानी को दुनिया के सर्वश्रेष्ठ नगरों में से एक बना दिया गया था। 

भाजपा-आप पर साधा निशाना

वहीं अखिलेश सिंह ने पूर्वांचली समुदाय की चिंताओं को दूर करने के बजाय महज वोटबैंक के रूप में उनका शोषण करने के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और आम आदमी पार्टी (आप) की आलोचना की। उन्होंने कहा, ‘‘कांग्रेस ने सत्ता में लौटने पर छठ पूजा को ‘महाकुंभ’ की तरह बनाने का संकल्प लिया है, और यमुना तट पर एक अलग छठ घाट बनाया जाएगा, जिसे एक अलग जिला घोषित किया जाएगा और इसका नाम शारदा सिन्हा घाट रखा जाएगा।’’ बता दें कि दिल्ली में पूर्वांचल और बिहार से आकर रहने वाले वोटरों की संख्या काफी ज्यादा है। ऐसे में दिल्ली के चुनाव पर इसका अच्छा असर देखने को मिलेगा। इस वोट बैंक को साधने का प्रयास सभी दल कर रहे हैं। (इनपुट- पीटीआई)

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