CM Arvind Kejriwal: दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने केंद्र सरकार पर उन्हें सिंगापुर न भेजने के मामले में निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि मुझे सिंगापुर जाने से क्यों रोका जा रहा है, मैं कोई अपराधी तो नहीं हूं। आजाद देश का आजाद नागरिक हूं। मुझे क्यों रोका जा रहा है, मेरी समझ के बाहर है। सिंगापुर की सरकार ने मुझे दिल्ली में शिक्षा और स्वास्थ्य पर जो क्रांति हुई है, उस मॉडल को प्रस्तुत करने के लिए बुलाया है। इससे देश का गौरव बढ़ेगा। दिल्ली मॉडल की चर्चा पूरी दुनिया में हो रही है। ट्रंप के साथ जब उनकी पत्नी भी जब इंडिया आई थी, तो वे दिल्ली में स्कूल विजिट के लिए गई थीं।
सीएम केजरीवाल ने पीएम मोदी को लिखी थी चिट्ठी
इससे पहले दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक चिट्ठी लिखी थी, जिसमें सिंगापुर जाने की अनुमति रोकने को गलत बताया था। अपने पत्र में सीएम ने लिखा कि दिल्ली मॉडल को विश्व स्तरीय सम्मेलन में प्रस्तुत करने के लिए सिंगापुर सरकार ने न्योता दिया है और दुनिया भर के कई बड़े नेताओं के सामने दिल्ली मॉडल प्रस्तुत किया जाना है। आज सारी दुनिया दिल्ली मॉडल के बारे में जानना चाहती है। ये न्योता देश के लिए गौरव और मान की बात है। किसी सीएम को इतने महत्वपूर्ण मंच पर जाने से रोकना देशहित के ख़िलाफ है। जल्द से जल्द अनुमति दें ताकि इस यात्रा से देश का नाम ऊंचा कर सकूं।
अधिकारियों ने ये बताया नियम
अधिकारियों के अनुसार ‘प्रोटोकॉल' के मुताबिक मुख्यमंत्री समेत किसी भी मंत्री को आधिकारिक विदेश यात्राओं के लिए गृह मंत्रालय से मंजूरी लेनी होती है और मंजूरी के लिए फाइल उपराज्यपाल कार्यालय के जरिए गृह मंत्रालय को भेजी जाती है। वहीं एक जून को सिंगापुर के हाई कमिश्नर साइमन वोंग दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से मिले थे और उन्हें सिंगापुर में होने वाले वर्ल्ड सिटीज समिट में शामिल होने का न्योता दिया था। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इसको स्वीकार किया था। इसके बाद सरकार की तरफ से उपराज्यपाल के पास पॉलिटिकल क्लीयरेंस के लिए फाइल भेजी गई थी। लेकिन जून के अंत में खबर आई थी कि उपराज्यपाल को लगभग 3 हफ्ते पहले फाइल भेजी गई थी, लेकिन जून के अंत तक भी फाइल लौटकर नहीं आई।