A
Hindi News दिल्ली दिल्ली-एनसीआर में CBI की बड़ी कार्रवाई, 117 करोड़ की साइबर ठगी का खुलासा

दिल्ली-एनसीआर में CBI की बड़ी कार्रवाई, 117 करोड़ की साइबर ठगी का खुलासा

केंद्रीय जांच ब्यूरों यानी सीबीआई ने साइबर ठगी के एक बड़े गिरोह का पर्दाफाश किया है। जांच में पता चला कि इस गिरोह द्वारा 117 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी को अंजाम दिया गया है।

CBI takes major action in Delhi-NCR cyber fraud of Rs 117 crores exposed- India TV Hindi Image Source : FILE PHOTO प्रतीकात्मक तस्वीर

साइबर ठगी के एक बड़े नेटवर्क पर केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने शिकंजा कसते हुए दिल्ली और एनसीआर में 10 जगहों पर छापेमारी की है। इस कार्रवाई में 117 करोड़ रुपये की अंतरराष्ट्रीय फाइनेंशियल धोखाधड़ी का खुलासा हुआ है। CBI को यह मामला इंडियन साइबर क्राइम कोऑर्डिनेशन सेंटर से मिला था। शिकायत में कहा गया था कि एक संगठित साइबर गिरोह, जिसमें विदेशी नागरिक भी शामिल हैं, भारत में बड़े पैमाने पर लोगों को ठग रहा है। जांच में सामने आया है कि ठग व्हाट्सऐप, टेलीग्राम और विभिन्न वेबसाइट्स के जरिए भारतीय नागरिकों को निशाना बना रहे थे। ये अपराधी लोगों को पार्ट-टाइम नौकरी, टास्क-आधारित फ्रॉड और प्रारंभिक निवेश पर अधिक रिटर्न का लालच देकर धोखा दे रहे थे।

2023 में 117 करोड़ रुपये की ठगी

ठगों द्वारा ठगी से प्राप्त राशि को फर्जी बैंक खातों में जमा कर अलग-अलग खातों में तेजी से ट्रांसफर किया जा रहा था। इसके बाद यह रकम विदेशों में एटीएम से निकाली जा रही थी या फिर फिनटेक प्लेटफॉर्म पेपल के जरिए वॉलेट टॉप-अप में इस्तेमाल हो रही थी। नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल (NCRP) पर 1 जनवरी 2023 से 17 अक्टूबर 2023 के बीच 3,903 शिकायतें दर्ज की गईं। जांच में सामने आया कि ठगों ने 117 करोड़ रुपये की राशि मुख्य रूप से दुबई और UAE में निकाली। इस धोखाधड़ी में 3,295 भारतीय बैंक खातों की पहचान की गई है, जिनका इस्तेमाल अवैध लेनदेन के लिए किया गया था। ठगी से प्राप्त रकम को क्रिप्टोकरेंसी खरीदने में भी इस्तेमाल किया गया।

सीबीआई ने लोगों से की ये अपील

CBI ने आज की छापेमारी में 10 संदिग्ध व्यक्तियों के ठिकानों से कई इलेक्ट्रॉनिक उपकरण और फाइनेंशियल रिकॉर्ड बरामद किए हैं। CBI ने लोगों से अपील की है कि वे डिजिटल प्लेटफॉर्म पर जल्दी पैसा कमाने या किसी भी आकर्षक निवेश ऑफर के झांसे में न आएं। किसी भी संदिग्ध गतिविधि की जानकारी तुरंत कानून प्रवर्तन एजेंसियों को दें। CBI का कहना है कि इस मामले की जांच अभी जारी है और आने वाले दिनों में और भी बड़े खुलासे हो सकते हैं।