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दिल्ली में फर्जी कॉल सेंटर का भंडाफोड़, CBI ने 3 करोड़ कैश और विदेशी करेंसी की बरामद

CBI ने अमेरिकी नागरिकों से ठगी में शामिल एक कॉल सेंटर के खिलाफ जारी जांच के सिलसिले में दिल्ली-NCR में चार जगहों पर छापेमारी की। इस दौरान CBI ने तीन करोड़ रुपये से ज्यादा की रकम बरामद की है।

फर्जी कॉल सेंटर से पकड़े गए करोड़ों रुपये- India TV Hindi Image Source : INDIA TV फर्जी कॉल सेंटर से पकड़े गए करोड़ों रुपये

केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने अमेरिकी नागरिकों से ठगी में शामिल एक कॉल सेंटर के खिलाफ जारी जांच के सिलसिले में दिल्ली-NCR में चार जगहों पर छापेमारी की। इस दौरान CBI ने तीन करोड़ रुपये से ज्यादा की रकम बरामद की है। अधिकारियों ने बताया कि एजेंसी ने आरोपियों के परिसरों की तलाशी ली और विदेशी करेंसी और लगभग 3,09,64,100 रुपये बरामद किए। अधिकारियों ने बताया कि सीबीआई ने इसके अलावा 15 मोबाइल फोन और सात लैपटॉप भी जब्त किए हैं। 

चला रहे थे फर्जी टेक सपोर्ट कॉल सेंटर
सीबीआई के मुताबिक लैपटॉप में ‘रिमोट एक्सेस एप्लिकेशन’, फर्जी अंतरराष्ट्रीय कॉलिंग नंबर, अमेरिकी नागरिकों से संबंधित दस्तावेज आदि जानकारियां मौजूद हैं। सीबीआई के प्रवक्ता ने बताया, “छापेमारी के दौरान, एक टेक सपोर्ट फर्जी कॉल सेंटर पाया गया और वहां आरोपी/अन्य व्यक्ति अमेरिकी नागरिकों के साथ ऑनलाइन धोखाधड़ी में कथित रूप से शामिल थे।’’ आरोपियों की पहचान हरीश कुमार, अमित कुमार, राकेश कुमार अथोत्रा, राज कुमारी के तौर पर हुई है।

बेहद शातिर ढंग से लगाते थे चूना
अधिकारियों ने बताया कि आरोपी कथित रूप से अपने स्रोत से लीड प्राप्त कर रहे थे और इन लीड्स पर वे टेक्स्टनाउ (Textnow) एप्लिकेशन के माध्यम से अमेरिका में लोगों को कॉल करते थे। आरोपी लोगों की टेक संबंधी समस्याओं को हल करने के बहाने एनी डेस्क (Any Desk) जैसे रिमोट एक्सेस सॉफ़्टवेयर का उपयोग करके अपने सिस्टम पर शिकार के कम्प्यूटर का कंट्रोल ले लेते थे। इसके बाद वे सेफ्टी सॉफ्टवेयर इंस्टॉल करने या अपडेट करने के एवज में अपने शिकार से गिफ्ट कार्ड खरीदने के लिए कहते थे और इसी दौरान लोगों का कार्ड नंबर ले लेते थे। यह भी आरोप लगाया गया है कि शिकार से लिए गए गिफ्ट कार्ड नंबरों को हवाला चैनल के माध्यम से कैश में भुनाने के लिए विशिष्ट टेलीग्राम ग्रुप में भेजेते थे।

पीड़ितों के वॉलेट पर करते थे हमला 
10 जून 2022 को चार आरोपियों और अन्य अज्ञात लोगों के खिलाफ एक मामला दर्ज किया गया था जिसमें आरोप लगाया गया था कि अभियुक्तों ने एक-दूसरे और अन्य अज्ञात व्यक्तियों के साथ साजिश रचकर, धोखे से अमेरिका के लोगों के डिजिटल संसाधनों तक एक्सेस प्राप्त की थी और उनकी डिजिटल संपत्ति / क्रिप्टो करेंसी अपने ई-वॉलेट में ट्रांसफर कर ली थी। इस मामले में CBI की जांच अभी जारी है।

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