दिल्ली हाई कोर्ट ने भारतीय कुश्ती महासंघ के पूर्व प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह की एक याचिका पर पुलिस और पहलवानों से जवाब मांगा है। इस याचिका पर बृजभूषण ने कई महिला पहलवानों द्वारा उनके खिलाफ दर्ज कराई गई प्राथमिकी को रद्द करने के अनुरोध वाली उनकी अर्जी पर जल्द सुनवाई करने का आग्रह किया है।
बृजभूषण ने की ये अपील
बृजभूषण ने 13 जनवरी, 2025 को सूचीबद्ध मुख्य याचिका पर इस आधार पर पहले सुनवाई करने का अनुरोध किया है कि निचली अदालत में मामला अभियोजन साक्ष्य दायर करने के चरण में है। याचिका जब तक हाई कोर्ट के समक्ष आएगी, तब तक अधिकतर गवाहों के बयान दर्ज किए जा चुके होंगे।
दिल्ली पुलिस और पहलवानों को नोटिस जारी
जज मनोज कुमार ओहरी ने याचिका पर दिल्ली पुलिस और पहलवानों को नोटिस जारी किया, जिसमें सिंह ने हाई कोर्ट से यह भी आग्रह किया है कि निचली अदालत को उनकी लंबित याचिका के निपटारे तक आपराधिक मामले में आगे नहीं बढ़ने का निर्देश दिया जाए।
अब इस मामले की सुनवाई 16 दिसंबर को
हाई कोर्ट ने दिल्ली पुलिस और पहलवानों से याचिका पर अपना जवाब दाखिल करने को कहा है। इसके साथ ही कोर्ट ने कहा कि इस मामले की अगली सुनवाई 16 दिसंबर को होगी।
पीड़ितों में से एक का बयान पहले ही दर्ज हो चुका
शुक्रवार को हुई संक्षिप्त सुनवाई के दौरान बृजभूषण शरण सिंह की तरफ से पेश वकील राजीव मोहन ने दलील दी कि एक विशेष अदालत होने के नाते निचली अदालत मामले पर साप्ताहिक आधार पर सुनवाई कर रही है। पीड़ितों में से एक का बयान पहले ही दर्ज किया जा चुका है।
बृजभूषण शरण सिंह को पूर्वाग्रह और मानसिक पीड़ा होगी
निचली अदालत में सुनवाई पर रोक का आग्रह करते हुए याचिका में कहा गया कि अगर मुकदमा जारी रहेगा, तो इससे बृजभूषण शरण सिंह को पूर्वाग्रह और मानसिक पीड़ा होगी, जिन्होंने प्राथमिकी रद्द किए जाने के गुण-दोष के आधार पर एक मजबूत मामला होने का दावा किया था।
मई 2023 में दर्ज हुई थी FIR
बता दें कि भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नेता और पूर्व सांसद सिंह पर कई महिला पहलवानों ने पिछले साल यौन शोषण का आरोप लगाया था। बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ आरोपों की जांच की मांग को लेकर कई महीनों तक धरने पर भी बैठे थे। मई 2023 में सुप्रीम कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद दिल्ली पुलिस ने सिंह के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी।
भाषा के इनपुट के साथ