BJP Slams On AAP: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने ‘मुफ्त की सौगात’ बांटे जाने के मुद्दे पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर हमला बोला है। भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने पार्टी मुख्यालय में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि अरविंद केजरीवाल अपने राजनीतिक फायदे के लिए जनता को मुफ्त का दाना डालकर फंसाते हैं। हमारी सरकार का लक्ष्य समाज के कमजोर वर्गों का सशक्तिकरण है। मुफ्त की सौगातों के पीछे आम आदमी पार्टी के संयोजक का एकमात्र उद्देश्य देश में अपनी और अपनी पार्टी का प्रभुत्व स्थापित करना है। उन्होंने कहा कि मुफ्त की सौगात सिर्फ गरीबों के लिए नहीं बल्कि सभी के लिए होती है। इसका उद्देश्य राजनीतिक फायदा लेना होता है और इससे देश को दीर्घकालिक फायदा नहीं होता। इसके अल्पकालिक फायदे किसी व्यक्ति या किसी दल को जरूर होते हैं। आम आदमी पार्टी की मुफ्त की सौगातें दाना डालकर मछली पकड़ने जैसा है। ये केजरीवाल की दाना डालकर फंसाने की कोशिश है ताकि उनकी महत्वाकांक्षा पूरी हो सके।
बिना गारंटी ऋण देने की योजना पर पात्रा ने दिल्ली सरकार को घेरा
पात्रा ने कहा कि कल्याणकारी योजनाएं किसी लक्षित समूह के लिए होती हैं, जो आर्थिक रूप से पिछड़े हों उन्हें संबल देना या आत्मनिर्भर बनाना है, अपने पैरों पर खड़ा करना है। केजरीवाल सरकार द्वारा छात्रों को बिना गारंटी ऋण देने की एक योजना का हवाला देते हुए भाजपा प्रवक्ता ने दावा किया कि इसके तहत 2021-2022 में 89 छात्रों ने आवेदन किए थे लेकिन दो को ही यह सुविधा हासिल हो सकी। उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत अधिक से अधिक 10 लाख रुपए का ऋण देने का प्रावधान था लेकिन सूचना का अधिकार से मिली एक जानकारी से पता चलता है कि दिल्ली सरकार ने इसके विज्ञापन पर 19.50 करोड़ रुपए के करीब खर्च कर दिए जबकि जिन दो छात्रों को ऋण मिला, वह राशि 20 लाख रुपए से अधिक की नहीं होगी।
रेवड़ी कल्चर पर BJP vs AAP
उल्लेखनीय है कि हाल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विभिन्न दलों में ‘रेवड़ी’ (मुफ्त की सौगात) बांटने जैसी लोकलुभावन घोषणाओं के चलन की आलोचना की थी। उन्होंने कहा था कि यह न केवल करदाताओं के पैसे की बर्बादी है बल्कि एक आर्थिक आपदा भी है जो भारत के आत्मनिर्भर बनने के अभियान को बाधित कर सकती है। प्रधानमंत्री की इस टिप्पणी को दरअसल आम आदमी पार्टी (आप) जैसे दलों में मुफ्त में चीजें दिए जाने की घोषणा के संदर्भ में देखा गया। हाल के दिनों में पंजाब जैसे राज्यों में विधानसभा चुनाव में मुफ्त बिजली और पानी तथा अन्य चीजें देने का वादा किया गया था। प्रधानमंत्री के आरोपों का जवाब देते हुए केजरीवाल ने इस बात पर जनमत संग्रह कराए जाने की मांग की थी कि करदाताओं का धन स्वास्थ्य एवं शिक्षा जैसी गुणवत्तापूर्ण सेवाओं पर खर्च किया जाना चाहिए या किसी एक परिवार या किसी के मित्रों पर यह धन खर्च होना चाहिए।