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Hindi News दिल्ली बीजेपी शासित MCD गफ्फार मार्केट से दुकानदारों को बेदखल कर नए लोगों को बेचना चाहती दुकानें: AAP

बीजेपी शासित MCD गफ्फार मार्केट से दुकानदारों को बेदखल कर नए लोगों को बेचना चाहती दुकानें: AAP

आम आदमी पार्टी ने भाजपा शासित नॉर्थ एमसीडी द्वारा गफ्फार मार्केट की दुकानें तीन दिन में खाली करने के लिए नोटिस भेजने का विरोध किया है।

<p>बीजेपी शासित MCD...- India TV Hindi Image Source : PTI बीजेपी शासित MCD गफ्फार मार्केट से दुकानदारों को बेदखल कर नए लोगों को बेचना चाहती दुकानें: AAP

नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी (AAP) ने भाजपा शासित नॉर्थ एमसीडी द्वारा गफ्फार मार्केट की दुकानें तीन दिन में खाली करने के लिए नोटिस भेजने का विरोध किया है। आप ने बयान जारी कर कहा कि, एमसीडी गफ्फार मार्केट की दुकानों से दुकानदारों को बेदखल करके नई बिल्डिंग बनाकर नए लोगों को दुकानें बेचना चाहती है। दरअसल आम आदमी पार्टी के अनुसार, डीडीए और एमसीडी जगह-जगह पर मार्केट कांम्प्लेक्स बनाती हैं और इन मार्केट के अंदर जो दुकानें हैं, उनको 99 साल की लीज पर देती हैं। लीज पर देने का मुख्य मकसद यह होता है कि बीच में फ्री होल्ड की स्कीम निकाली जाती है और दुकानदारों की यह दुकानें फ्री होल्ड कर दी जाती हैं। मगर एमसीडी बड़े-बड़े बिल्डर माफियाओं के साथ मिलकर अब एक नई तरीके की तरकीब ला रही है।

जिन मार्केट के अंदर दुकानों को फ्री होल्ड कर देना चाहिए था, जहां पर 99 साल की लीज के लिए दुकानें दी गई थीं, अब ये उन दुकानों की बिल्डिंग की सर्वे कराकर, उसको खतरनाक दिखाकर उन मार्केट के दुकानदारों से खाली करा रहे हैं। दुकानों को खाली कराने के बाद भी दुकानदारों को यह कहा गया है कि अब यह दुकानें आपको दोबारा नहीं मिलेंगी। नए सिरे से नया कोई बिल्डर आकर इनको अपनी तरह से नए लोगों को बेचेगा।

इस पर प्रेस वार्ता कर आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने कहा कि, अभी जो हमारे पास मामला आया है, वह गफ्फार मार्केट का है। वहां सरस्वती मार्ग पर एमसीडी की एक मार्केट है, जिसके अंदर 1976 में आवंटन (एलॉटमेंट) किए गए थे और दुकानदारों को 99 साल की लीज पर यह दुकाने दी गई थीं। अब 2021 में एमसीडी ने आईआईटी रुड़की से इसकी जांच कराई है और आईआईटी रुड़की खुद लिखता है कि घटिया ग्रेड का सीमेंट लगाने की वजह से इस बिल्डिंग के हालात अब ठीक नहीं है।

बिल्डिंग के अंदर और भी बहुत सी खामियां हैं, जिसके कारण एमसीडी कह कह रही है कि इसको तोड़ कर अब दोबारा बनाया जाएगा। दूसरी ओर सौरभ भारद्वाज ने आईआईटी रूड़की की रिपोर्ट पर भाजपा शासित एमसीडी से कुछ सवालों का जवाब मांगा है। उन्होंने सवाल किया कि, अगर इस घटिया ग्रेड के सीमेंट से बिल्डिंग बनाई गई, तो यह गलती उन दुकानदारों की है, जिन्होंने यह दुकानें खरीदी है या एमसीडी की है, जिन्होंने इस घटिया बिल्डिंग को बनाया है।

दूसरी बात, अगर पिछले 40 सालों में एमसीडी ने अपनी ही बिल्डिंग की सुध नहीं ली और उनके अंदर मरम्मत के नाम पर एक रुपये भी खर्च नहीं किया, तो यह गलती इन दुकानदारों की है या एमसीडी की है।