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Hindi News दिल्ली बीजेपी नेता लाल कृष्ण आडवाणी को अस्पताल से मिली छुट्टी, जानिए अब कैसी है तबीयत

बीजेपी नेता लाल कृष्ण आडवाणी को अस्पताल से मिली छुट्टी, जानिए अब कैसी है तबीयत

भाजपा के दिग्गज नेता और भारत रत्न लाल कृष्ण आडवाणी को गुरुवार को यहां अपोलो अस्पताल से छुट्टी दे दी गई क्योंकि उनकी हालत में सुधार हुआ है।

भारत रत्न लाल कृष्ण आडवाणी- India TV Hindi Image Source : FILE-PTI भारत रत्न लाल कृष्ण आडवाणी

नई दिल्लीः भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता और पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी को बृहस्पतिवार शाम अपोलो अस्पताल से छुट्टी मिल गयी। आडवाणी (96 वर्ष) को बुधवार को अपोलो अस्पताल में भर्ती कराया गया था। कुछ दिन पहले उन्हें अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ले जाया गया था। उन्हें एम्स में एक रात रखने के बाद छुट्टी दे दी गई थी।

शाम को मिली अस्पताल से छुट्टी

सूत्रों ने बताया कि आडवाणी को आज करीब पांच बजे अपोलो अस्पताल से छुट्टी दे दी गयी। सूत्रों ने कहा था कि बुधवार रात अस्पताल में भर्ती किए जाने के बाद उनकी (आडवाणी की) हालत स्थिर बनी रही । पूर्व उप प्रधानमंत्री को बुधवार रात करीब नौ बजे अपोलो अस्पताल लाया गया था। उनके साथ उनकी बेटी प्रतिभा आडवाणी थीं।  

 कौन हैं लालकृष्ण आडवाणी?

लाल कृष्ण आडवाणी बीजेपी के सबसे सीनियर नेता हैं। वह भारत रत्न से सम्मानित हो चुके हैं। आडवाणी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सबसे लंबे समय तक अध्यक्ष रहे। उनका संसदीय करियर 30 साल से ज्यादा समय तक रहा। अब वे सक्रिय राजनीति से दूर हैं। आडवाणी ने 1975 में जनता पार्टी सरकार में सूचना और प्रसारण मंत्री, 1998 और 1999 में भाजपा के नेतृत्व वाली एनडीए गठबंधन सरकार में केंद्रीय गृह मंत्री और 2002 में उप प्रधान मंत्री के रूप में कार्य किया। उन्होंने राम जन्मभूमि में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।  

बीजेपी को ऊंचाइयों तक पहुंचाया

8 नवंबर, 1927 को विभाजन-पूर्व सिंध (पाकिस्तान) में जन्मे आडवाणी के देशभक्ति के आदर्शों ने कराची के सेंट पैट्रिक हाई स्कूल में अपनी स्कूली शिक्षा के दौरान जड़ें जमा लीं। 14 साल की उम्र में वह 1942 में भारत छोड़ो आंदोलन से प्रेरित होकर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) में शामिल हो गए। देश के विभाजन के बाद आडवाणी दिल्ली चले आए और राजस्थान में आरएसएस प्रचारक बन गए। 1951 में वह भाजपा के पूर्ववर्ती जनसंघ में शामिल हो गए और तेजी से पार्टी में आगे बढ़े। वह 1970 में राज्यसभा सदस्य बने। 1980 में भाजपा की स्थापना में आडवाणी की महत्वपूर्ण भूमिका थी और उन्होंने 1990 के दशक में पार्टी के उत्थान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिससे पार्टी को महत्वपूर्ण चुनावी जीत मिली।  

(भाषा इनपुट के साथ)