हम शिक्षकों को फिनलैंड न भेज सकें, इसके लिए गंदी राजनीति कर रही बीजेपी: सिसोदिया
मनीष सिसोदिया ने कहा कि अगर दिल्ली के उपराज्यपाल बच्चों के भविष्य की परवाह करते हैं और उनकी शिक्षा में बाधा पहुंचाना नहीं चाहते तो उन्हें बीजेपी के षडयंत्र में उनका साथ नहीं देना चाहिए।
नयी दिल्ली: दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने शुक्रवार को भारतीय जनता पार्टी पर ‘गंदी राजनीति’ करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि BJP स्कूली शिक्षकों को ट्रेनिंग के लिए फिनलैंड भेजने की AAP सरकार की कोशिशों को रोकने के लिए ‘गंदी राजनीति’ कर रही है। सिसोदिया ने कहा कि अभी तक 1,100 शिक्षकों ने सिंगापुर, ब्रिटेन और फिनलैंड समेत विदेशों में ट्रेनिंग ली है। उन्होंने आरोप लगाया कि अब जब बीजेपी के लोगों की सेवा विभाग पर ‘अनधिकृत पकड़’ है तो वे दिल्ली में AAP सरकार को, शिक्षकों को उत्कृष्ट प्रशिक्षण देने से रोकने के लिए ‘गंदी राजनीति कर रहे हैं।’
‘उपराज्यपाल ने किसी न किसी बहाने देरी की’
सिसोदिया ने कहा कि अगर दिल्ली के उपराज्यपाल वी. के. सक्सेना बच्चों के भविष्य की परवाह करते हैं और उनकी शिक्षा में बाधा पहुंचाना नहीं चाहते तो उन्हें ‘बीजेपी के षडयंत्र में उनका साथ नहीं देना चाहिए।’ सिसोदिया के आरोपों पर अभी बीजेपी या उपराज्यपाल सचिवालय से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली है। उपमुख्यमंत्री ने दावा किया, ‘हम 30 शिक्षकों के एक बैच को प्रशिक्षण के लिए फिनलैंड भेजना चाहते थे। उपराज्यपाल ने किसी न किसी बहाने से इसमें देरी की।’
‘BJP का शिक्षा-दीक्षा से कोई लेना-देना नहीं’
सिसोदिया ने आरोप लगाया कि बीजेपी स्कूल टीचर्स को ट्रेनिंग के लिए फिनलैंड भेजने के दिल्ली सरकार के प्रयासों को रोकने के लिए ‘अपनी पूरी ताकत का इस्तेमाल’ करने की कोशिश कर रही है। सिसोदिया ने कहा, ‘हमने शिक्षकों को फिनलैंड भेजा क्योंकि यह शिक्षा में सुधार लाने वाले सर्वश्रेष्ठ स्थानों में से एक है। हम अपने शिक्षकों को ऐसे अंतरराष्ट्रीय मानकों से अवगत कराना चाहते है क्योंकि शिक्षा का स्तर ऊंचा करने में शिक्षकों का योगदान होता है। बीजेपी यह नहीं जानती क्योंकि उनका शिक्षा से कुछ लेना-देना नहीं है।’
‘फिर से उपराज्यपाल को भेजेंगे फाइल’
सिसोदिया ने कहा कि शिक्षकों को प्रशिक्षण के लिए फिनलैंड भेजने से संबंधित फाइल फिर से उपराज्यपाल को भेजी जाएगी। उन्होंने दावा किया, ‘हमने शिक्षकों की फिनलैंड यात्रा की फाइल उपराज्यपाल को भेजी थी और उन्होंने पूछा था कि अगर ऐसा प्रशिक्षण भारत में दिया जा सकता है तो इसकी लागत-लाभ का विश्लेषण क्या होगा। प्रधानमंत्री और बीजेपी शासित राज्यों के मुख्यमंत्री विश्व आर्थिक मंच की बैठक में शामिल होने जाएंगे। क्या लागत-लाभ विश्लेषण की आड़ में उन्हें भी रोका जाएगा?’