नयी दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के सभी सांसदों एवं विधायकों को केजरीवाल सरकार की ओर से लॉकडाउन के दौरान जरूरतमंदों के बीच वितरित करने के लिये दो-दो हजार खाद्य कूपन दिये जाने की योजना भाजपा को प्रभावित करने में विफल रही है और पार्टी नेताओं ने इसे 'जटिल एवं देर से लाया गया' करार दिया है। पूर्वी दिल्ली के सांसद गौतम गंभीर ने कूपनों को लेने से मना कर दिया है और जरूरतमंदों के बीच राशन उपलब्ध कराने की पेशकश की है।
गंभीर ने ट्वीट कर कहा, 'दो हजार राशन कूपनों के लिये शुक्रिया अरविंद केजरीवाल जी, लेकिन मेरे कार्यकर्ताओं के पास जरूरत के अनुसार वितरित करने के लिये पर्याप्त खाद्य सामग्री है। इन्हें कृपया इलाके के विधायकों एवं पार्षदों को दे दीजिये। अगर जरूरत पड़ती है, तो मैं उनलोगों को और राशन भेज सकता हूं जो वितरित करना चाहते हैं। कृपया मुझे जानकारी दें।'’ भारतीय जनता पार्टी की दिल्ली इकाई के अध्यक्ष मनोज तिवारी ने दावा किया कि खाद्य कूपन के बारे में उन्हें सरकार से कोई जानकारी नहीं मिली है।
तिवारी ने कहा, 'दिल्ली सरकार से मुझे न तो कोई कूपन मिला है और न ही कोई सूचना मिली है। यह कदम थोड़ा देर से उठाया गया है क्योंकि लॉकडाउन तीन मई को समाप्त हो सकता है।' दिल्ली के मुख्यमंत्री ने इस महीने इससे पहले घोषणा की थी कि सरकार सभी विधायकों एवं सांसदों को दो दो हजार खाद्य कूपन देगी ताकि लॉकडाउन के दौरान वह जरूरतमंदों के बीच अपने अपने संबंधित निर्वाचन क्षेत्र में वितरित कर सके। दिल्ली विधानसभा में विपक्ष के नेता रामवीर सिंह विधूड़ी ने कहा कि आपातकालीन खाद्य कूपन वितरित करने की प्रक्रिया जटिल है जिससे लाभार्थियों तक मदद पहुंचाने में विलंब होगा। दिल्ली में भाजपा के सात लोकसभा सदस्य और आठ विधायक हैं।