"किसी ने कहा नौटंकी कर रहे तो किसी ने बताया PR स्टंट", केजरीवाल के इस्तीफे की खबर सुन क्या बोली BJP-Congress
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सीएम पद छोड़ने का ऐलान कर दिया है। विधायक दल की बैठक में यह तय होगा कि केजरीवाल के बाद सीएम पद के लिए किसे चुना जाएगा।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आज से दो दिन बाद CM के पद से इस्तीफा देने की घोषणा की है। उन्होंने यह ऐलान करते हुए कहा कि, "आज मैं जनता से पूछने आया हूँ कि आप केजरीवाल को ईमानदार मानते हो या गुनाहगार? अब जब तक दिल्ली की जनता अपना फैसला नहीं सुना देती है तब तक मैं CM की कुर्सी पर नहीं बैठूँगा। मैं आज से 2 दिन बाद मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफ़ा दे दूंगा।" उन्होंने आगे कहा कि, "अगले दो दिन में विधायक दल की बैठक होगी और नए मुख्यमंत्री का चयन किया जाएगा। अगला सीएम भी आम आदमी पार्टी से ही कोई होगा।"
इस्तीफे पर राजनीतिक दलों का रिएक्शन
केजरीवाल के इस्तीफे का ऐलान होते ही राजनीतिक दलों में खलबली मच गई। किसी ने इसे पीआर स्टंट बताया तो किसी ने कहा कि केजरीवाल पद से हट जाएंगे तो क्या होगा, वे अपनी पत्नी को ही CM बना दंगे। कई लोगों ने तो इसे अरविंद केजरीवाल का महज एक नौटंकी बताया। आइए देखते हैं कि इस ऐलान के बाद राजनीतिक गलियारों में क्या चर्चा हो रही है।
भ्रष्टाचार के खिलाफ दिल्ली की जनता की बड़ी जीत - कपिल मिश्रा
केजरीवाल के इस्तीफे के ऐलान के बाद भाजपा नेता कपिल मिश्रा ने अपने एक्स हैंडल से एक वीडियो जारी करते हुए कहा कि, "आख़िर भ्रष्टाचारी केजरीवाल को इस्तीफा देना पड़ेगा। ये इस्तीफा सुप्रीम कोर्ट का डंडा पड़ने के कारण देना पड़ रहा है। जो आदमी जेल से सरकार चलाने की जिद्द कर रहा था, आज उसे इस्तीफे की घोषणा करनी पड़ी। ये भ्रष्टाचार के खिलाफ दिल्ली की जनता की बड़ी जीत है।
पीआर स्टंट के लिए कर रहे ऐसा - प्रदीप भंडारी, भाजपा प्रवक्ता
मामले पर भाजपा के प्रवक्ता प्रदीप भंडारी का रिएक्शन सामने आया, जहां उन्होंने कहा कि, "यह अरविंद केजरीवाल का पीआर स्टंट है। उन्हें समझ आ गया है कि दिल्ली की जनता के बीच उनकी छवि एक ईमानदार नेता की नहीं बल्कि एक भ्रष्ट नेता की है, आज देशभर में आम आदमी पार्टी एक भ्रष्ट पार्टी के तौर पर जानी जाती है। अपने पीआर स्टंट के तहत वह अपनी छवि को फिर से बनाना चाहते हैं...साफ है कि वह सोनिया गांधी मॉडल लागू करना चाहते हैं, जहां उन्होंने मनमोहन सिंह को डमी प्रधानमंत्री बनाकर पर्दे के पीछे से सरकार चलाई थी। उन्हें आज समझ आ गया है कि आम आदमी पार्टी दिल्ली चुनाव हार रही है और दिल्ली की जनता उनके नाम पर वोट नहीं दे सकती, इसलिए वह किसी और को बलि का बकरा बनाना चाहते हैं।"
नौटंकी कर रहे हैं केजरीवाल - संदीप दीक्षित, कांग्रेस नेता
वहीं, इस मामले पर कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित ने कहा, "दोबारा सीएम बनने का सवाल ही नहीं उठता। हम तो लंबे समय से कह रहे हैं कि उन्हें सीएम पद से इस्तीफा दे देना चाहिए। यह महज एक नौटंकी है। ऐसा पहली बार हुआ है जब कोई निर्वाचित नेता जमानत पर जेल से बाहर आया हो और उसे सुप्रीम कोर्ट ने सीएमओ न जाने और किसी भी कागज पर हस्ताक्षर न करने को कहा हो। ऐसी शर्तें पहले कभी किसी सीएम पर नहीं लगाई गई। शायद सुप्रीम कोर्ट को भी डर है कि यह व्यक्ति सबूतों से छेड़छाड़ करने की कोशिश कर सकता है। सुप्रीम कोर्ट उसके साथ एक अपराधी की तरह व्यवहार कर रहा है। नैतिकता और अरविंद केजरीवाल का कोई संबंध नहीं है।"
विकल्प ही क्या है उनके पास - मनजिंदर सिंह सिरसा, बीजेपी नेता
दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल के 'मैं 2 दिन बाद सीएम पद से इस्तीफा देने जा रहा हूं' वाले बयान पर बीजेपी नेता मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा, "अरविंद केजरीवाल ने घोषणा की है कि वह दो दिन बाद इस्तीफा दे देंगे और जनता का फैसला आने पर फिर से सीएम बन जाएंगे। यह कोई त्याग नहीं है, सुप्रीम कोर्ट ने आदेश में कहा है कि वह सीएम की कुर्सी के पास नहीं जा सकते और किसी भी फाइल पर हस्ताक्षर नहीं कर सकते। इसलिए, आपके पास कोई विकल्प नहीं है, आप सुप्रीम कोर्ट के आदेश के कारण इस्तीफा देने के लिए मजबूर हैं। जनता ने 3 महीने पहले अपना फैसला सुनाया था जब आपने 'जेल या बेल' पूछा था, आप सभी 7 (दिल्ली की लोकसभा सीटें) हार गए और जेल भेज दिए गए। अब उन्होंने दो दिन का समय मांगा है क्योंकि वह सभी विधायकों को अपनी पत्नी को सीएम बनाने के लिए मना रहे हैं। उन्हें अपनी कुर्सी छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा क्योंकि वह शराब घोटाले में शामिल हैं।"
इस्तीफा देना है तो आज क्यों नहीं? - हरीश खुराना, भाजपा नेता
केजरीवाल के इस्तीफे वाले बयान पर बीजेपी नेता हरीश खुराना ने कहा, "अगर उन्हें इस्तीफा देना है तो आज क्यों नहीं? यह एक ड्रामा है जो वो लोगों से पूछेंगे। लोग आपसे पूछ रहे हैं कि अगर कोर्ट ने फैसला दिया है कि आप सचिवालय नहीं जा सकते, आप किसी फाइल पर साइन नहीं कर सकते, तो फिर सीएम पद पर बने रहने का आपका क्या औचित्य है? आप जमानत पर सीएम हैं। आप बरी नहीं हुए हैं, आप एक ऐसे सीएम हैं जो ट्रायल का सामना कर रहे हैं... आपने तब इस्तीफा नहीं दिया जब दिल्ली में सारे काम बंद हो गए थे और आप 6 महीने तक जेल में थे।"
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