ईडी के AC लॉकअप में रात गुजारेंगे अरविंद केजरीवाल, जानें जेल मैनुअल के हिसाब से क्या हैं नियम?
शराब घोटाले में दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को ईडी ने गिरफ्तार कर लिया है। अब आज की रात मेडिकल जांच के बाद केजरीवाल ईडी के लॉकअप में ही गुजारेंगे। ऐसे में हम आपको जेल के अंदर के नियम बता देतें हैं।
Reported By : Atul Bhatia,
Edited By : Swayam Prakash,
Published : Mar 22, 2024 0:19 IST, Updated : Mar 22, 2024, 0:25:35 IST दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को आखिरकार दिल्ली शराब घोटाले में गिरफ्तार कर लिया गया है। ED की टीम ने केजरीवाल को उनके सीएम हाउस से गिरफ्तार किया है। गिरफ्तारी के बाद केजरीवाल को ईडी दफ्तर लाया गया, जहां उनका मेडिकल कराया जा रहा है। आरएमएल के डॉक्टर केजरीवाल का ईडी ऑफिस में मेडिकल टेस्ट करेंगे और उसके बाद उन्हें लॉकअप में रखा जाएगा। ये लॉकअप ईडी ऑफिस में ग्राउंड फ्लोर पर है और एयर कंडीशंड है। हालांकि बताया जा रहा है कि अरविंद केजरीवाल से रात में पूछताछ नहीं होगी। मेडिकल के बाद उन्हें ईडी दफ्तर के लॉकअप में रखा जाएगा।
जेल मैनुअल के मुताबिक क्या हैं नियम?
- सुत्रो के मुताबिक, दिल्ली की जेलों में हफ्ते में दो बार मुलाकात करवाते हैं। चाहे कोई अंडर ट्रायल हो या फिर कनविक्ट हो। जैसे ही प्रिजनर जेल में आता है, उसको नाम देने होते हैं कि वह किस-किस से मिलना चाहेगा। उसे 10 लोगों के नाम देने होते हैं।
- जिन 10 लोगों के वह नाम देगा, उनमें से ही कोई बंदा जेल में टेलीफोन करेगा। इसे टेली बुकिंग कहते हैं। वह वहां बतायेगा कि वह किस तारीख को प्रिजनर से मिलने के लिए आना चाहता है। इसके बाद जेल ऑपरेटर उसको बताता है कि इस दिन आ जाइए ताकि उसको सुविधा रहे।
- नियम के मुताबिक, एक बार की मुलाक़ात में तीन मुलाकाती जेल में आकर मिल सकते हैं। मुलाकात के लिए एक जंगला (बड़ी खिड़की) होता है। जंगले में एक तरफ प्रिजनर खड़ा होता है और एक तरफ उसके मिलने वाले खड़े होते हैं और बीच में लोहे की ग्रिल और जाली होती है। कोई भी प्रतिबंधित चीज इस जाली में से पास ओवर नहीं हो सकती।
- मुलाकात का समय सुबह 9:30 बजे शुरू हो जाता है और दोपहर 12:30 तक मुलाकात चलती है। मतलब सिर्फ 3 घंटे तक यह मुलाकात होती है। सुत्रों के मुताबिक जेल सुपरिंटेंडेंट को पावर होती है कि वह जो समय बताता है, उसी समय पर मुलाकात होती है। किस जगह पर मुलाकात करवानी है, वह भी यह सुपरिंटेंडेंट की डिस्क्रिप्शन होती है।
- ये भी नियम है कि अगर किसी को सिक्योरिटी का खतरा है, या कोई वीआईपी है, या फिर कोई आदमी उसको नुकसान पहुंचा सकता है, तो उसमें किसी भी जगह जैसे देओडी में मुलाकात करवा सकते हैं। अगर कोई बहुत ज्यादा हाई सिक्योरिटी प्रिजनर है, डेथ सेंटेंस प्रिजनर है, तो उसकी सेल या जेल सुप्रीटेंडेंट के कमरे में भी मिलने वालों से मुलाकात कराई जा सकती है।
- अरविंद केजरीवाल के मामले में देखें तो जहां तक फाइलें साइन करने की बात है, तो जेल से फ़ाइल साइन नहीं कराई जा सकती। ये जेल सुपरिंटेंडेंट के ऊपर निर्भर करता है कि अगर कोई इंपॉर्टेंट फाइल साइन करनी है तो जेल सुपरिंटेंडेंट इजाजत जे सकता है, लेकिन सरकार नहीं चलाई जा सकती।
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