Arvind Kejriwal Make India No 1 Yatra: आम आदमी पार्टी (AAP) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने बुधवार को अपनी पार्टी के 'मेक इंडिया नंबर-1' अभियान की शुरुआत की और इस दौरान दावा किया कि आजादी मिलने पर देश ने शिक्षा को महत्व न देने की गलती की। केजरीवाल ने अपने गृह जिले हिसार से इस अभियान की शुरुआत करते हुए हरियाणा में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और राज्य की पिछली कांग्रेस सरकार पर सरकारी स्कूलों को बंद करने का भी आरोप लगाया। उन्होंने इसे देश के लिए 'बेहद खतरनाक' प्रवृत्ति करार दिया।
देश को शिक्षा पर ध्यान देना चाहिए था- अरविंद केजरीवाल
दिल्ली के मुख्यमंत्री ने आजादी के बाद की गई 'गलती' की ओर इशारा करते हुए संवाददाताओं से कहा, ''देश को शिक्षा पर ध्यान देना चाहिए था। हमें 1947 में युद्ध स्तर पर हर नुक्कड़, हर गांव और मुहल्ले में अच्छे सरकारी स्कूलों के निर्माण पर ध्यान देना चाहिए था।'' हरियाणा के बाद, केजरीवाल ने पार्टी के इस नए अभियान के तहत देश के अन्य राज्यों का दौरा करने की भी योजना बनाई है। वह हरियाणा के दो दिवसीय दौरे पर हैं।
Image Source : PTIDelhi Deputy CM manish Sisodia And CM Arvind Kejriwal
गौरतलब है कि आम आदमी पार्टी अक्सर दिल्ली सरकार के स्कूलों को एक उदाहरण के रूप में पेश करती है और उसका कहना है कि इसका अनुसरण देश के अन्य राज्यों को भी करना चाहिए। हरियाणा में आम आदमी पार्टी ने सत्तारूढ़ बीजेपी और पिछली कांग्रेस सरकारों पर सरकारी स्कूलों को बंद करने का आरोप लगाया है। केजरीवाल ने दावा करते हुए कहा, "मौजूदा समय में देश में एक गलत चलन है। हरियाणा की तरह मौजूदा सरकार ने लगभग 190 सरकारी स्कूल बंद कर दिए और पिछली सरकार ने 500 स्कूलों को बंद कर दिया।"
'देश के 80 फीसदी से ज्यादा स्कूल कबाड़खानों से भी बदतर'
वहीं, मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आज बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर आरोप लगाया कि देश में 80 फीसदी से ज्यादा सरकारी स्कूल कबाड़खानों से भी बदतर हैं। इससे पहले केजरीवाल ने मंगलवार को कहा था कि 14,500 स्कूलों को आधुनिक करने का प्रधानमंत्री का फैसला 'समंदर में एक बूंद' के बराबर है। केजरीवाल ने देश के सभी 10 लाख सरकारी स्कूलों के उन्नयन की योजना लाने के लिए फिर से जोर दिया।
'दस लाख स्कूलों को एक साथ ठीक करने की योजना बनाई जाए'
केजरीवाल ने पत्र में कहा, "देशभर में रोज़ 27 करोड़ बच्चे स्कूल जाते हैं। इनमें से लगभग 18 करोड़ बच्चे सरकारी स्कूलों में जाते हैं। 80 प्रतिशत से ज्यादा सरकारी स्कूलों की हालत किसी कबाड़खाने से भी ज्यादा खराब है। अगर करोड़ों बच्चों को हम ऐसी शिक्षा दे रहे हैं, तो सोचिए भारत कैसे विकसित देश बनेगा?" मुख्यमंत्री कहा, "उन्होंने (मोदी ने) 14,500 स्कूलों को अपग्रेड करने का ऐलान किया, बहुत अच्छा। लेकिन देश में 10 लाख सरकारी स्कूल हैं। इस तरह तो सारे स्कूल ठीक करने में सौ साल से ज़्यादा लग जाएंगे। आपसे अनुरोध है कि सभी दस लाख स्कूलों को एक साथ ठीक करने की योजना बनाई जाए।" गौरतलब है कि सोमवार को प्रधानमंत्री मोदी ने घोषणा की कि देश भर के 14,500 स्कूलों को 'पीएम-श्री योजना' के तहत विकसित और उन्नत बनाया जाएगा।