A
Hindi News दिल्ली अरविंद केजरीवाल ने कोरोना वॉरियर डॉ. जोगिंदर चौधरी के परिजनों को दी 1 करोड़ की सहायता राशि

अरविंद केजरीवाल ने कोरोना वॉरियर डॉ. जोगिंदर चौधरी के परिजनों को दी 1 करोड़ की सहायता राशि

कोरोना वायरस से संक्रमित डॉ. जोगिंदर चौधरी की एक सप्ताह पहले सर गंगा राम अस्पताल में देहांत हो गया था। उनकी कोरोना रिपोर्ट 27 जून को पॉजिटिव आई थी।

Arvind Kejriwal gives 1 crore help to dr joginder chaudhary family members । अरविंद केजरीवाल ने कोरो- India TV Hindi Image Source : TWITTER/ARVIND KEJRIWAL अरविंद केजरीवाल ने कोरोना वॉरियर डॉ. जोगिंदर चौधरी के परिजनों को दी 1 करोड़ की सहायता राशि

नई दिल्ली. देश की राजधानी दिल्ली में अब कोरोना को लेकर हालात काबू में लग रहे हैं। राजधानी में हालातों को काबू में लाने का सबसे बड़ा श्रेय जाता है, उन फ्रंट लाइन फाइटर्स को जो सीधे तौर पर कोरोना के मरीजों का इलाज कर रहे हैं। कोरोना के खिलाफ इस लड़ाई में कई कोरोना वॉरियर्स ने अपनी जान की बाजी तक लगा दी है। सोमवार को दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने एक ऐसे ही कोरोना वॉरियर डॉ. जोगिंदर चौधरी के परिवार को एक करोड़ रुपये की सहायता राशि दी। 

केजरीवाल बोले- भविष्य में भी करेंगे हर संभव मद

सीएम अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर कहा, "दिल्ली सरकार के अस्पताल में तैनात हमारे कोरोना वॉरियर डॉ. जोगिंदर चौधरी जी ने अपनी जान की बाज़ी लगाकर मरीज़ों की सेवा की। हाल ही में कोरोना संक्रमण से डॉ चौधरी का निधन हो गया था, आज उनके परिजनों से मिलकर 1 करोड़ रुपये की सहायता राशि दी। भविष्य में भी परिवार की हर सम्भव मदद करेंगे।"

27 जून को पॉजिटिव मिले थे डॉ. जोगिंदर

आपको बता दें कि कोरोना वायरस से संक्रमित डॉ. जोगिंदर चौधरी की एक सप्ताह पहले सर गंगा राम अस्पताल में देहांत हो गया था। उनकी कोरोना रिपोर्ट 27 जून को पॉजिटिव आई थी। 27 जून को डॉ. जोगिंदर को अंबेडकर अस्पताल में भर्ती कराया गया था, लेकिन हालत गंभीर होने के कारण एलएनजेपी अस्पताल में रेफर कर दिया गया।

परिवार के एकमात्र कमाने वाले सदस्य थे डॉ. जोगिंदर

स्वास्थ्य में सुधार नहीं होने पर उन्हें 8 जुलाई को सर गंगा राम अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। वह तबीयत बिगड़ने से पहले 23 जून तक अस्पताल के फ्लू क्लीनिक विभाग में और फिर कैजुअल्टी वार्ड में काम कर रहे थे। वह मूलरूप से मध्य प्रदेश के नीमच जिले के एक गांव के रहने वाले थे और वह परिवार में एकमात्र कमाने वाले सदस्य थे। घर में उनके माता-पिता और दो छोटे भाई-बहन हैं। उसके पिता राजेंद्र चौधरी के पास थोड़ी सी जमीन है, जिसमें वे खेती करते है।