नई दिल्ली: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शनिवार को शहर में गंभीर वायु प्रदूषण से निपटने के लिए आपात बैठक बुलाई जबकि दूसरी ओर उच्चतम न्यायालय ने अधिकारियों से इस संबंध में तत्काल उपाय करने को कहा। अधिकारियों ने बताया कि शाम पांच बजे होने वाली इस बैठक में उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन, पर्यावरण मंत्री गोपाल राय और दिल्ली के मुख्य सचिव शामिल होंगे।
इस बीच, सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण में वृद्धि को “आपातकालीन स्थिति” करार दिया और जोर देकर कहा कि महत्वपूर्ण उपाय किए जाने की आवश्यकता है। शीर्ष अदालत ने दिल्ली में स्कूल खोल जाने का भी संज्ञान लिया और अधिकारियों से कहा कि वे तत्काल दिल्ली में वाहनों की संख्या कम करने तथा लॉकडाउन जैसे उपाय करें। अदालत ने केंद्र और दिल्ली सरकार से प्रदूषण कम करने के लिये तत्काल कदम उठाने तथा सोमवार को रिपोर्ट देने को कहा।
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से पूछा है कि उन्होंने वायु प्रदूषण को कम करने के लिए क्या कदम उठाए हैं। सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस NV रमन्ना ने केंद्र सरकार से कहा कि वायु प्रदूषण एक गंभीर स्थिति है। हमें घर पर भी मास्क पहनने पड़ रहे हैं।
अब सुप्रीम कोर्ट इस याचिका पर 15 तारीख को सुनवाई करेगी। 15 नवंबर को सरकार को सुप्रीम कोर्ट को बताना होगा कि उसने प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए क्या किया। सुप्रीम कोर्ट ने आज मामले पर सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार से पूछा, "हमें बताएं कि कैसे हम AQI को 500 से कम से कम 200 अंक कम कर सकते हैं। कुछ जरूरी उपाय करें। क्या आप दो दिन के लॉकडाउन या कुछ और के बारे में सोच सकते हैं? लोग कैसे रह सकते हैं?"