नई दिल्ली: कोरोना वायरस संक्रमण से बचाव के लिए स्वदेश में निर्मित कोवैक्सीन के टीके के बच्चों में परीक्षण के लिए, यहां के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में सोमवार से दो वर्ष के बच्चे से 18 साल तक के किशोर की जांच शुरू हो गई। पटना स्थित एम्स में बच्चों में यह पता लगाने के लिए परीक्षण शुरू हो गया है कि क्या भारत बायोटेक के टीके बच्चों के लिए ठीक हैं ? जांच रिपोर्ट आने के बाद ही बच्चों को टीके लगाए जाएंगे।
यह परीक्षण 525 स्वस्थ बच्चों पर किया जाएगा जिसके तहत बच्चों को टीके की दो खुराकें दी जाएगीं। इनमें से पहली खुराक के 28वें दिन दूसरी खुराक दी जाएगी। एम्स के ‘सेंटर फॉर कम्युनिटी मेडिसिन’ के प्रोफेसर डॉ संजय राय ने कहा,‘‘ कोवैक्सीन के परीक्षण के लिए बच्चों की जांच शुरू कर दी गई है। और जांच रिपोर्ट आने के बाद ही बच्चों को टीके की खुराक दी जाएगी।’’
भारत के दवा नियामक ने कोवैक्सीन का दो साल के बच्चे से ले कर 18 साल की उम्र के किशोरों पर परीक्षण करने की मंजूरी 12 मई को दे दी थी। देश में टीकाकरण अभियान में वयस्कों को कोवैक्सीन के टीके लगाए जा रहे हैं।