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Hindi News दिल्ली आतिशी मंत्रिमंडल में किन-किन चेहरों को मिलेगी जगह, सूत्रों के हवाले से सामने आई बड़ी जानकारी

आतिशी मंत्रिमंडल में किन-किन चेहरों को मिलेगी जगह, सूत्रों के हवाले से सामने आई बड़ी जानकारी

आप सूत्रों के हिसाब से आतिशी के मंत्रिमंडल में पुराने सभी मंत्रियों को जगह दी जाएगी। सिर्फ 2 नए विधायकों को मंत्री बनाया जाएगा। इनमें से एक विधायक दलित समुदाय से हो सकता है।

दिल्ली की मनोनीत मुख्यमंत्री आतिशी - India TV Hindi Image Source : PTI दिल्ली की मनोनीत मुख्यमंत्री आतिशी

नई दिल्लीः अरविंद केजरीवाल के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफे के बाद अब आतिशी के शपथग्रहण का रास्ता साफ हो गया है। आम आदमी पार्टी के विधायक की नेता आतिशी ने उपराज्यपाल वीके सक्सेना से मिलकर नई सरकार बनाने का दावा भी पेश कर दिया है। अब सवाल उठता है कि आतिशी के मंत्रिमंडल में किन विधायकों को जगह मिलेगी। आप सूत्रों के हिसाब से आतिशी के मंत्रिमंडल में पुराने सभी मंत्रियों को जगह दी जाएगी। सिर्फ 2 नए विधायकों को मंत्री बनाया जाएगा।

सिर्फ दो नए विधायकों को बनाया जाएगा मंत्री

आम आदमी पार्टी से जुड़े सूत्र ने बताया कि आतिशी की कैबिनेट में जिन दो नए विधायकों को मंत्री बनाया जाएगा उनमें से एक दलित समुदाय से होंगे। दिल्ली में मुख्यमंत्री को मिलाकर कुल सात मंत्री बनाए जा सकते हैं। सूत्रों का कहना है कि पार्टी जल्द मंत्री बनने वाले नए विधायक का नाम भी सार्वजनिक कर देगी।

इन विधायकों का मंत्री बनना लगभग तय

सूत्रों के अनुसार, केजरीवाल कैबिनेट में जो मंत्री पहले शामिल थे उन्हें रिपीट किया जाएगा। यानी गोपाल राय, इमरान हुसैन, कैलाश गहलोत और सौरभ भारद्वाज का कैबिनेट मंत्री बनना लगभग तय है। हालांकि आधिकारिक ऐलान अभी नहीं किया गया है।

आतिशी चुना गया था विधायक दल का नेता

इस इस्तीफे से पहले मुख्यमंत्री आवास पर आम आदमी पार्टी विधायक दल की बैठक बुलाई गई थी, जिसमें आतिशी मार्लेना का नाम केजरीवाल की ओर से मुख्यमंत्री पद के लिए प्रस्तावित किया गया था। इसके बाद सर्वसम्मति से मुख्यमंत्री पद के लिए विधायकों ने आतिशी के नाम पर मुहर लगाई। अब आतिशी शपथ ग्रहण करने के बाद दिल्ली की मुख्यमंत्री पद की जिम्मेदारी संभालेंगी।

बता दें कि आबकारी नीति मामले में सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलने के बाद केजरीवाल ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने का ऐलान कर दिया था। उन्होंने दो टूक कह दिया था कि जब तक दिल्ली की जनता उन्हें दोबारा से सीएम पद की कमान नहीं सौंपती है, तब तक वो इस पद को ग्रहण नहीं करेंगे। इसके साथ ही उन्होंने नवंबर में ही विधानसभा चुनाव महाराष्ट्र और झारखंड के साथ कराए जाने की मांग की थी।