दिल्ली के अधिकारियों के ट्रांसफर और पोस्टिंग से जुड़े अध्यादेश लोकसभा से पास कराया जा चुका है। अब दिल्ली अध्यादेश को कल सोमवार को राज्यसभा में पेश किया जाएगा। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह दिल्ली अध्यादेश बिल को राज्यसभा में पेश करेंगे। अगर ये बिल राज्यसभा से पास हो जाता है, तो मंजूरी के लिए राष्ट्रपति के पास जाएगा, जहां से पास होते ही यह कानून बन जाएगा। उसे पहले दिल्ली अध्यादेश बिल पर आम आदमी पार्टी (AAP) के नेता और दिल्ली सरकार में मंत्री गोपाल राय का बयान सामने आया है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार दिल्ली के अधिकारों को जबरदस्ती छीनने की कोशिश कर रही है। कल सभी विपक्षी पार्टियां मिलकर इस बिल के खिलाफ प्रदर्शन करेंगी।
दिल्ली अध्यादेश पर बोले बीजेपी सांसद
दिल्ली अध्यादेश विधेयक पर बीजेपी सांसद प्रवेश साहिब सिंह का कहना है, "जब सीएम अरविंद केजरीवाल चुनाव में खड़े हुए थे तो उन्हें पता था कि दिल्ली को राज्य का नहीं, बल्कि केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा दिया गया है। राज्य और केंद्र शासित प्रदेश की शक्तियां अलग-अलग हैं। वह जनता को दिखाना चाहते हैं कि वह काम करने में असमर्थ हैं, क्योंकि उनके पास कोई अधिकार नहीं, जो गलत है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में यह सब समझाया है।"
AAP प्रवक्ता का मोदी सरकार पर हमला
वहीं, आम आदमी पार्टी की राष्ट्रीय प्रवक्ता रीना गुप्ता ने एक ट्वीट किया है, जिसमें उन्होंने मोदी सरकार पर हमला बोला है। रीना गुप्ता ने एक वीडियो को शेयर करते हुए लिखा है, काले अंग्रेजों का काला कानून। उन्होंने इस वीडियो में कहा, "आजादी की लड़ाई के समय भगत सिंह को डर था कि काले अंग्रेज गोरे अंग्रेजों की जगह न ले लें। पिछले हफ्ते पीएम मोदी ने लोकसभा में एक काला कानून पेश करके उस डर को सही साबित कर दिया।"
विपक्षी दलों के लिए कल का दिन अहम
केंद्र सरकार के लाए दिल्ली अध्यादेश का सबसे ज्यादा विरोध सीएम केजरीवाल रहे हैं। यह बिल दिल्ली में ग्रुप-ए के अधिकारियों के ट्रांसफर एवं पोस्टिंग के लिए एक प्राधिकार के गठन के लिहाज से लागू अध्यादेश का स्थान लेगा। इसके बाद केजरीवाल सरकार को सीधे फैसला नहीं लेकर एलजी से परमिशन लेनी होगी। इस बिल को राज्यसभा में गिराने के लिए सीएम केजरीवाल अब तक सभी विपक्षी पार्टियों से मुलाकात कर चुके हैं। कल का दिन उनके लिए किसी अग्निपरीक्षा से कम नहीं होगी। सत्ता पक्ष के लिए यह भी किसी अग्निपरीक्षा से कम नहीं है।