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Hindi News दिल्ली आप नेता संजय सिंह को याद आए जेल के वो 11 दिन, जानें क्यों बोले- 'बहुत तकलीफ हुई'

आप नेता संजय सिंह को याद आए जेल के वो 11 दिन, जानें क्यों बोले- 'बहुत तकलीफ हुई'

आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह कई महीनों के बाद जेल से बाहर निकले हैं। वहीं जेल के दिनों को याद करते हुए उन्होंने कहा है कि जेल के शुरुआती 11 दिन काफी तकलीफ हुई।

संजय सिंह को याद आए जेल के दिन।- India TV Hindi Image Source : PTI संजय सिंह को याद आए जेल के दिन।

नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह ने एक बार फिर जेल के दिनों को याद किया है। उन्होंने कहा कि जेल में शुरूआत के 11 दिन काफी तकलीफ हुई। जेल के दिनों को याद करते हुए उन्होंने कहा कि शुरूआत में तो उतनी भी आजादी नहीं थी जितनी कि अन्य कैदियों को थी। पहले 11 दिन काफी मुश्किल से बीते उसके बाद धीरे-धीरे चीजें सामान्य हो गईं। वहीं जेल से लौटने के बाद वजन बढ़ने की बात पर भी संजय सिंह ने कहा कि ये तो अच्छी बात है कि वजह बढ़ा है। 

क्या बदले की कार्रवाई हुई?

संजय सिंह से जब पूछा गया कि क्या जेल में आपके साथ बदले की कार्रवाई हुई? इसका जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि 'शुरूआत के 11 दिनों तक मुझे तकलीफ हुई, लेकिन उसके बाद मेरे पास वही आधिकार थे जो सामान्य कैदियों के पास थे। शुरूआत के 11 दिनों तक मेरे पास वो अधिकार भी नहीं थे जो सामान्य कैदियों के पास थे। यानी कि सुबह की जब गिनती खुलती थी 6-12 तक की तो उस समय भी मैं कहीं बाहर घूमने नहीं जा पाता था, जबकि बाकी लोग घूम सकते थे। शाम को तीन बजे से लेकर सात बजे तक जब गिनती खुलती थी तब भी मुझे नहीं निकलने देते थे। धीरे-धीरे और भी बाकी की जो चीजें थीं, बैडमिंटन कोर्ट पर जाने नहीं देते थे तो वो सब चीजें धीरे-धीरे बाद में ठीक हुईं।' 

वजन बढ़ने पर दिया जवाब

जब संजय सिंह से उनका वजन बढ़ने को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि 'अगर मेरा वजन बढ़ा है तो ये तो अच्छी बात है, इसमें बुरी बात क्या है। हालांकि जब मैं जेल गया तो उस समय मेरा वजन 79 किलो था और जब मैं निकला हूं तो 81.7 किलो वजन था। पता नहीं कहां से उन्होंने 6 किलो का चला दिया मुझे नहीं मालूम। मुझे लगता है कि ये तो अच्छा संदेश बीजेपी वाले AAP को दे रहे हैं कि आम आदमी पार्टी वालों को मत छेड़ो। ये अगर जेल में जाएंगे तो अपने हौसले और स्वास्थ्य को अच्छा और मजबूत करके निकलेंगे और मैं स्वस्थ हूं। क्योंकि इन 6 महीनों में मैने अपने स्वास्थ्य के साथ कोई समझौता नहीं किया, पढ़ाई-लिखाई के साथ समझौता नहीं किया, वॉक के साथ समझौता नहीं किया तो जो पूरी दिनचर्या थी उसका पूरा पालन किया। 

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