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Hindi News दिल्ली आतिशी के सीएम बनते ही दिल्ली में आम आदमी पार्टी को बड़ा झटका, कई नेताओं ने थामा कांग्रेस का हाथ

आतिशी के सीएम बनते ही दिल्ली में आम आदमी पार्टी को बड़ा झटका, कई नेताओं ने थामा कांग्रेस का हाथ

दिल्ली में अगले साल के शुरुआती महीनों में विधानसभा के चुनाव हैं। चुनाव से पहले ही आम आदमी पार्टी के कई नेताओं ने कांग्रेस पार्टी ज्वाइन कर ली है। ये आम आदमी पार्टी के लिए बड़ा झटका है।

आम आदमी पार्टी को छोड़ कांग्रेस में शामिल हुए कई नेता- India TV Hindi Image Source : FILE PHOTO आम आदमी पार्टी को छोड़ कांग्रेस में शामिल हुए कई नेता

दिल्ली के मुख्यमंत्री पद से पिछले दिनों अरविंद केजरीवाल ने इस्तीफा दे दिया है। अब दिल्ली की नई मुख्यमंत्री आतिशी हैं। आतिशी के सीएम बनने के बाद दिल्ली में आम आदमी पार्टी (AAP) को बड़ा झटका लगा है। 

कांग्रेस में शामिल AAP के कई नेता

आम आदमी पार्टी (AAP) के कई नेता और कार्यकर्ता रविवार को कांग्रेस की दिल्ली इकाई के अध्यक्ष देवेंद्र यादव की मौजूदगी में उनकी पार्टी में शामिल हो गए। एक आधिकारिक बयान में यह जानकारी दी गई है।

कानून-व्यवस्था के लिए AAP और BJP जिम्मेदार- कांग्रेस

दिल्ली कांग्रेस के अध्यक्ष देवेंद्र यादव ने प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में पार्टी में उनका स्वागत करते हुए उन्हें कांग्रेस का पटका भेंट किया। देवेंद्र यादव ने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में कानून-व्यवस्था की स्थिति चरमरा गई है तो इसके लिए भाजपा और ‘AAP’ दोनों सरकारें समान रूप से जिम्मेदार हैं। 

केजरीवाल के सीएम रहते दिल्ली जलभराव की समस्या जूझी

यादव ने कहा कि जेल से बाहर आने के बाद अरविंद केजरीवाल अपनी सरकार के मंत्रियों समेत सभी में खामियां ढूंढने में लगे हैं। वह यह भूल गए हैं कि जेल में रहने के दौरान उन्होंने पांच महीने से अधिक समय तक मुख्यमंत्री की कुर्सी नहीं छोड़ी थी। उन्होंने कहा कि इससे दिल्ली में शासन व्यवस्था ठप हो गई थी, जब राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली जलभराव की समस्या से जूझ रही थी।

कांग्रेस सरकार में सही थी कानून- व्यवस्था- यादव

देवेंद्र यादव ने दावा किया कि जब कांग्रेस सत्ता में थी तो कानून-व्यवस्था की स्थिति प्रभावी रूप से नियंत्रण में थी। लोगों को चौबीसों घंटे जलापूर्ति होती थी। जलभराव को रोकने के लिए हर मानसून से पहले नालियों और सीवरों की सफाई की जाती थी। यादव ने यह भी दावा किया कि कांग्रेस सरकार ने यह भी सुनिश्चित किया था कि लोगों को निर्बाध बिजली आपूर्ति हो और दिल्ली में बिजली देश में सबसे सस्ती दर पर मिले।