नयी दिल्ली: दिल्ली सरकार द्वारा मालवीय नगर और वसंत विहार इलाके में चौबीस घंटे जलापूर्ति सुनिश्चित करने के लिए शुरू की गई पायलट परियोजना के आठ साल बीतने के बाद भी इन दोनों क्षेत्रों के मात्र पांच प्रतिशत घरों में ही इसका लाभ पहुंचा है। आधिकारिक आंकड़ों में यह जानकारी सामने आई।
अधिकारियों ने बताया कि दिल्ली जल बोर्ड (डीजेबी) ने निजी कंपनियों की साझेदारी से जनवरी 2013 में इस परियोजना की शुरुआत की थी। इस परियोजना का काम समाप्त होने की समयसीमा दिसंबर 2014 तय की गई थी। मालवीय नगर में 50 हजार और वसंत विहार में आठ हजार घर हैं।
आंकड़ों के मुताबिक लगभग साढ़े आठ वर्ष बीतने के बाद मालवीय नगर के केवल नवजीवन विहार और गीतांजलि एन्क्लेव के मात्र 783 घरों को इस परियोजना का लाभ मिला है। इसके अलावा वसंत विहार के वेस्ट एन्ड कॉलोनी, आनंद निकेतन और शांति निकेतन के 2,156 घरों को ही इसका लाभ मिल पाया है।
अधिकारियों ने बताया कि समूचे परियोजना क्षेत्र को 24 घंटे सात दिन आपूर्ति करने के लिए पर्याप्त पानी उपलब्ध नहीं है। एक अधिकारी ने कहा, “ज्यादातर जगहों पर पानी की आपूर्ति के लिए बुनियादी ढांचा तैयार है लेकिन सभी को देने के लिए और पानी की आवश्यकता है।”
बता दें कि, दिल्ली में हर घर में औसतन चार घंटे पानी आता है। शहर में प्रतिदिन 1140 एमजीडी पानी की जरूरत है जबकि दिल्ली जल बोर्ड 935 एमजीडी की आपूर्ति ही करता है। एक अन्य अधिकारी ने पीटीआई-भाषा से कहा कि डीजेबी कई जल परियोजनाओं पर एक साथ काम कर रही है और आने वाले सालों में इसके नतीजे देखने को मिलेंगे।