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Hindi News दिल्ली 'पापा हमें भूल गये हो क्या', 5 साल की बच्ची ने अपने पिता से पूछा

'पापा हमें भूल गये हो क्या', 5 साल की बच्ची ने अपने पिता से पूछा

दिल्ली के विवेक विहार निवासी बलदेव मार्च महीने से ही अपने परिवार से नहीं मिले हैं, उनके घर में एक 5 साल की बच्ची और उनकी बीवी है। जो की हर दिन इंतजार में रहते हैं कि कब बलदेव घर आएंगे और हमसे मुलाकात करेंगे।

5 year old girl has his father have you forgot us । 'पापा हमें भूल गये हो क्या', 5 साल की बच्ची ने अ- India TV Hindi Image Source : AP (FILE) 'पापा हमें भूल गये हो क्या', 5 साल की बच्ची ने अपने पिता से पूछा (Representational Image)

नई दिल्ली. पापा हमें भूल गए हो क्या ? ये सवाल सुन एक पिता के आंखों में आंसू आ गए। पिछले 6 महीने से इस सवाल के जवाब में पिता कहते आ रहे हैं कि जल्दी आऊंगा, हमारे देश इस वक्त संकट में है। दरअसल दिल्ली के एक एनजीओ में शव वाहन चलाने वाले बलदेव को हर दिन अपनो बेटी को यही जवाब देना पड़ता है। लेकिन मजबूरी है कि वो अपने घर नहीं जा सकते।

दरअसल बलदेव दिल्ली की शहीद भगत सिंह सेवा दल एनजीओ में शव वाहन चलाते हैं और पिछले 6 महीनों से कोरोना संक्रमण से जिन लोगों की मौत हो रही है। उनके शवों को अस्पताल से शामशाम घाट पहुंचाने और उनके अंतिम संस्कार करने में भी मदद करते हैं।

दिल्ली के विवेक विहार निवासी बलदेव मार्च महीने से ही अपने परिवार से नहीं मिले हैं, उनके घर में एक 5 साल की बच्ची और उनकी बीवी है। जो की हर दिन इंतजार में रहते हैं कि कब बलदेव घर आएंगे और हमसे मुलाकात करेंगे। बलदेव, उन कोरोना योद्धाओं में से एक हैं, जो हर दिन 4 से 5 कोरोना संक्रमित शवों को अस्पताल से शमशान घाट पहुंचाते हैं।

दिल्ली की शहीद भगत सिंह सेवा दल एनजीओ में बलदेव पिछले करीब 18 सालों से शव उठाने का काम कर रहे हैं। बलदेव ने IANS को बताया, "मार्च में आखिरी बार मैंने अपने परिवार से मुलाकात की थी। अब बस सुबह शाम फोन पर ही बीवी और बच्ची से बात होती है।"

उन्होंने बताया, "मेरी बिटिया हर दिन मुझसे पूछती है कि 'पापा हमें भूल गए हो क्या? मैं कहता हूं भुला नहीं हूं। मैं घर नहीं आ सकता क्योंकि मुझे डर है कि कहीं मेरी वजह से मेरे परिवार को कोरोना संक्रमण न हो जाये।" एनजीओ की गाड़ियां जिस पार्किं ग में खड़ी होती हैं, वहीं बलदेव के साथ अन्य काम करने वाले लोगों के लिए भी रहने की व्यवस्था कर दी गई है।

एनजीओ शहीद भगत सिंह सेवा दल के आपदा प्रबंधन डिपार्टमेंट के हेड ज्योत जीत ने IANS को बताया, "बलदेव करीब 18 सालों से हमारे संस्थान में काम कर रहे हैं। हमारी 48 लोगों की टीम है। हम शवों को उठाने, दाह संस्कार कराने का काम करते हैं, बलदेव उसी टीम का हिस्सा हैं।"