नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस कमिश्नर एसएन श्रीवास्तव ने शुक्रवार (19 फरवरी) को वार्षिक वार्ता के दौरान हिंदुस्तान में किस तरीके से पाकिस्तान और आसपास के देशों से आतंक फैलाने की साजिश होती है और कैसे उसे दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने नाकामयाब किया है उस पर जानकारी साझा की। ना सिर्फ सरहदों पर आतंकी चुनौतियां हैं बल्कि देश के भीतर भी आतंकी साजिशों के तार लगातार बुने जा रहे हैं। देश की राजधानी दिल्ली हमेशा आतंकियों के टारगेट पर रही है।
दिल्ली पुलिस कमिश्नर के मुताबिक, देश के लिए सबसे बड़ा खतरा पाकिस्तान है। पाकिस्तान की ISI लगातार हिंदुस्तान में न सिर्फ किसी बड़े धमाके की साजिश रचती रहती है बल्कि जाली नोट के जरिये आर्थिक रूप से ही तोड़ने की साजिशें रचती रहती है। अपनी सतर्कता के चलते दिल्ली पुलिस ने कई बार आतंकी साजिशों पर पानी फेरा है। पिछले सालों के मुकाबले साल 2020 में दिल्ली पुलिस ने अलग-अलग आतंकी संगठनों से 32 टेररिस्ट को गिरफ्तार किया। जिनमें सबसे अहम गिरफ्तारी थी ISIS लोन वुल्फ अटैक के आरोपी मोहम्मद मुस्तकीम। जिसे दिल्ली से गिरफ्तार कर 2 पावरफुल प्रैशर कुकर आईईडी बरामद की थी। मुस्तकीन के बलराम पुर स्तिथ घर से तीन सुसाइड बेल्ट, कई आधी तैयार आईईडी, बड़ी संख्या में टाइमर और ISIS का फ्लैग भी बरामद हुआ था।
इसके अलावा असम के एक और ISIS मॉड्यूल का भी दिल्ली पुलिस ने साल 2019 में पर्दाफाश किया था। इसके अलावा सबसे अहम था खालिस्तानी आतंकी सुखबिक़रीवाल की गिरफ्तारी। सुखबिक़रीवाल नार्को टेररिज्म का अहम चेहरा था। ठीक इसी तरह दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने तमिलनाडु से ISIS खुरासान मॉड्यूल का भी पर्दाफाश किया था, जिनके टारगेट पर देश की राजधानी दिल्ली थी।
दिल्ली पुलिस कमिश्नर के मुताबिक, पाकिस्तान ने सिर्फ खुद की जमीं से बल्कि 6 अन्य देशों बंगलादेश, म्यांमार, श्रीलंका, मालदीव, अफगानिस्तान और नेपाल कर रास्ते भी जाली नोटों की तस्करी को अंजाम दे रहा है, ताकि हिंदुस्तान को आर्थिक तौर पर कमजोर किया जा सके। लेकिन, दिल्ली पुलिस के कई मौकों पर आतंक की तमाम साजिशों को नाकाम किया है।