दिल्ली के 32 मेट्रो स्टेशन अतिसंवेदनशील, अब सादे कपड़ों में तैनात रहेंगे पुलिसकर्मी, हर हरकत पर रखेंगे नजर
पुलिस ने बढ़ती अपराध दर से निपटने और मेट्रो ट्रेन में यात्रा करने वाले यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए नयी सुरक्षा रणनीति लागू की है। इसके तहत दिल्ली पुलिस व्यस्त समय के दौरान संवेदनशील मेट्रो स्टेशन पर सादे कपड़ों में पुलिस कर्मियों को तैनात करेगी।
नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में मेट्रो में यात्रा करनेवालों की तादाद दिन ब दिन बढ़ती जा रही है। यात्रियों की बढ़ती संख्या के साथ ही उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करना भी प्रशासन के लिए बेहद अहम हो जाता है। इसी कड़ी में मेट्रो यात्रियों की सुरक्षा के लिए दिल्ली पुलिस ने नई सुरक्षा रणनीति लागू की है। उम्मीद जताई जा रही है कि बढ़ती अपराध दर से निपटने और मेट्रो ट्रेन में यात्रा करने वाले यात्रियों की इससे सुरक्षा सुनिश्चित हो सकेगी। दिल्ली के 32 मेट्रो स्टेशन अपराध के लिहाज से बेहद संवेदनशील हैं।
नई सुरक्षा नीति के तहत दिल्ली पुलिस व्यस्त समय के दौरान संवेदनशील मेट्रो स्टेशन पर सादे कपड़ों में पुलिस कर्मियों को तैनात करेगी। पुलिस के आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि यह कदम शहर की पुलिस द्वारा अपनी सुरक्षा योजना की समीक्षा के लिए ‘समय और स्थान का विश्लेषण’ करने के बाद उठाया गया है, क्योंकि राष्ट्रीय राजधानी में हाल के महीनों में यात्रियों की संख्या में वृद्धि देखी गई है, जिसके कारण दर्ज अपराधों की संख्या में वृद्धि हुई है।
पुलिस ने ‘समय और स्थान आधारित विश्लेषण’यह जानने के लिए किया कि मेट्रो स्टेशन पर अपराध की घटनाएं किस समय अधिक हुईं। इसके लिए 190 मेट्रो स्टेशन से आंकड़े एकत्र किये गए। इन 190 स्टेशन से प्राप्त आंकड़ों का विश्लेषण करके पुलिस ने चोरी, उत्पीड़न और अन्य अपराधों के लिहाज से अतिसंवेदनशील 32 मेट्रो स्टेशन की पहचान की जिनमें कश्मीरी गेट, राजीव चौक, सीलमपुर, आनंद विहार और कालकाजी मेट्रो स्टेशन शामिल हैं।
संयुक्त पुलिस आयुक्त (परिवहन रेंज) विजय सिंह नेबताया, ‘‘हमारा लक्ष्य यात्रियों के लिए सुरक्षित वातावरण बनाना है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘भीड़ में घुल-मिलकर हमारे अधिकारी आपराधिक गतिविधियों को अधिक प्रभावी ढंग से रोक सकते हैं और घटनाओं पर तुरंत प्रतिक्रिया दे सकते हैं। आप उन्हें हमारे ‘अंडरकवर’ अधिकारी कह सकते हैं।’’ दिल्ली मेट्रो की सुरक्षा सीआईएसएफ (केन्द्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल) और दिल्ली पुलिस करती है। सीआईएसएफ स्टेशन में प्रवेश करने वाले लोगों की तलाशी और जांच करती है जबकि दिल्ली पुलिस घटना होने पर प्राथमिकी दर्ज करती है, जांच करती है और मेट्रो परिसर के अंदर गश्त भी करती है।
दिल्ली पुलिस ने मेट्रो सुरक्षा के लिए एक अलग इकाई बनाई है जिसके 16 मेट्रो पुलिस थाने शहर के विभिन्न हिस्सों में मेट्रो परिसरों में स्थित हैं। इस इकाई का नेतृत्व डीसीपी स्तर का अधिकारी करता है। संयुक्त पुलिस आयुक्त सिंह ने बताया कि सुरक्षा उपायों में प्लेटफार्म और ट्रेन में महिला अधिकारियों की उपस्थिति बढ़ाना शामिल होगा, ताकि महिलाओं की सुरक्षा से संबंधित चिंताओं को दूर किया जा सके। उन्होंने बताया कि इसके अलावा पुलिस संदिग्ध व्यवहार पर नजर रखने और संभावित खतरों की पहचान करने के लिए प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल करेगी।
पुलिस अधिकारी ने बताया कि योजना के तहत प्रवेश द्वार पर एक पुलिस अधिकारी तैनात किया जाएगा, जबकि महिला पुलिस कर्मचारियों सहित दो-तीन पुलिसकर्मी व्यस्त समय के दौरान प्लेटफार्म और ट्रेन पर नजर रखेंगे।उन्होंने बताया कि ऐसे कर्मियों की तैनाती इसी सप्ताह से शुरू हो सकती है। पुलिस के आंकड़ों के मुताबिक, इस साल अब तक दिल्ली मेट्रो में चोरी के 3,952 मामले सामने आए हैं। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि चोरी के इन मामलों में जेब काटने, यात्रियों और मेट्रो कर्मचारियों के मोबाइल फोन, पर्स या अन्य कीमती सामान गायब होने के मामले शामिल है। इसमें मेट्रो संपत्तियों की चोरी भी शामिल है। दिल्ली मेट्रो रेल निगम (डीएमआरसी) के एक आधिकारिक बयान के अनुसार, पिछले महीने मेट्रो में 13 दिन ऐसे थे जब सबसे अधिक यात्रियों ने यात्रा की। इन 13 दिन यात्रियों की दैनिक संख्या 72 लाख से 78 लाख के बीच थी। (इनपुट-भाषा)