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Hindi News दिल्ली 19 साल पहले धनतेरस के दिन बम धमाकों से दहल उठी थी दिल्ली, सरोजनी नगर मार्केट के दुकानदारों की आज भी कांप जाती है रूह

19 साल पहले धनतेरस के दिन बम धमाकों से दहल उठी थी दिल्ली, सरोजनी नगर मार्केट के दुकानदारों की आज भी कांप जाती है रूह

29 अक्टूबर 2005 को धन तेरस के दिन शहर के कई हिस्सों में बम धमाकों से दिल्ली जैसे सहम सी गई थी। व्यस्त बाजारों में हुए इन धमाकों में 60 लोगों की मौत हुई और 200 से ज्यादा लोग घायल हुए थे।

crowd in delhi market- India TV Hindi Image Source : PTI दिवाली से पहले दिल्ली के बाजारों में उमड़ी भीड़।

देश के इतिहास में 29 अक्टूबर की तारीख एक दुखद घटना के साथ दर्ज है। इस दिन दिल्ली में दिवाली से दो दिन पहले हुए बम धमाकों से त्योहार की खुशियों को ग्रहण लग गया था। दिल्ली में अक्टूबर में अमूमन त्योहारों का मौसम होता है। पहले रामलीला की धूमधाम, फिर दशहरे का जोश, धनतेरस की खरीदारी, दिवाली की रौनक और अंत में गोवर्धन पूजा और भैया दूज। एक के बाद एक आने वाले इन त्योहारों पर बाजारों में खूब रौनक रहती है। 29 अक्टूबर 2005 को धन तेरस के दिन शहर के कई हिस्सों में बम धमाकों से दिल्ली जैसे सहम सी गई थी। व्यस्त बाजारों में हुए इन धमाकों में 60 लोगों की मौत हुई और 200 से ज्यादा लोग घायल हुए थे।

इन 3 जगहों को आतंकियों ने बनाया था निशाना

दिवाली से पहले हुए दिल्ली में तीन जगहों पर- सरोजिनी नगर, पहाड़गंज और कालकाजी में एक डीटीसी बस में सिलसिलेवार बम धमाके हुए थे। इन धमाकों में कई लोगों ने अपने पूरे परिवार को खो दिया था। आज भी सरोजनी नगर मार्केट में मौजूद कई दुकानदारों के जहन में न भूलने वाला डरावना मंजर घूमता है। आज भी दुकानदारों के मन में खौफ मौजूद है। यहां लंबे समय से काम कर रहे दुकानदार उस दिन जो हुआ वो भूल नहीं पाते।

फिर याद आया वो खौफनाक मंजर

30 वर्षों से सरोजिनी नगर मार्केट में दिवाली का सामान बेचने वाले एक दुकानदार ने बताया कि उस दिन कभी नहीं भूल पाते। आज भी आंखों के सामने वो डरावना मंज़र घूमता है। धनतरेस का दिन था, बाजार दुकानदारों और खरीदारों से खचाखच भरा था। जब ब्लास्ट हुआ, तब वह घटनास्थल के बिलकुल पास अपनी मोमबत्तियों की दुकान पर थे। अचानक धमाके की आवाज आई और हर तरफ अंधेरा छा गया। उनको लगा कि दुकान पर लगा बल्ब फ्यूज हो गया है। उस धमाके में उनके सिर पर गंभीर चोट भी आई थी। जब होश में आए, तो देखा लाशों के ढेर पड़े हुए थे। जिस दुकान पर बम फटा था, उस दुकान के मालिक की बॉडी दो हिस्सों में अलग-अलग मिली थी। कई लोगों का शरीर पूरा झुलस गया था।

देश-दुनिया के इतिहास में 29 अक्टूबर की तारीख पर दर्ज अन्य प्रमुख घटनाओं का सिलसिलेवार ब्योरा इस प्रकार है-

1911: अमेरिका के जाने-माने संपादक और प्रकाशक जोसफ पुलित्‍जर का निधन।
1923: ऑटोमन साम्राज्य का अंत होने की घोषणा के साथ ही तुर्की में संसदीय लोकतंत्र मजबूत होने लगा और देश गणराज्य बना।
1929: अमेरिकी शेयर बाजार के करीब एक करोड़ 60 लाख शेयर की बिकवाली के चलते इसे ‘‘ब्लैक ट्यूजडे’’ कहा गया और इससे ग्रेट डिप्रेशन के नाम से जाना जाने वाला संकट और गहरा गया। दरअसल, पांच दिन पहले एक करोड़ 30 लाख शेयर की बिकवाली हुई थी।
1956: इजराइल की सेना ने स्वेज नहर इलाके पर कब्जा करने के लिए सिनाई प्रांत में मिस्र पर हमला किया।
1975: स्पेन में जनरल फ्रैंको के 35 साल पुराने शासन का अंत। युवराज जुआन कार्लोस ने अस्थायी तौर पर सत्ता संभाली।
1985: विजेंद्र सिंह का जन्‍म, जिन्होंने मुक्‍केबाजी में भारत को पहला ओलंपिक पदक दिलाया।
1999: पूर्वी भारत के राज्य उड़ीसा (अब ओडिशा) में भीषण समुद्री तूफान से हजारों लोग बेघर हो गए और जान-माल का भारी नुकसान हुआ।
2005: दिवाली के त्योहार की गहमागहमी में डूबे दिल्ली शहर के व्यस्त बाजारों में बम विस्फोट, 60 लोगों की मौत और 200 से ज्यादा लोग घायल।
2015: चीन ने एक बच्चा नीति को खत्म करने का ऐलान किया।
2022: फिलीपीन में तूफान के कहर से 50 लोगों की मौत, दर्जनों लापता।
2022: सियोल में हैलोवीन के दौरान भीड़ में कुचलकर 120 लोगों की मौत।
2023: केरल के कलमश्शेरि में ईसाई समुदाय के सम्मेलन केंद्र में धमाके में दो महिलाओं की मौत, 51 लोग घायल।

(भाषा इनपुट्स के साथ)

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