नई दिल्ली: दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने शुक्रवार को बताया कि राष्ट्रीय राजधानी के अस्पतालों में बुधवार रात तक ब्लैक फंगस के 197 मामले आए थे। उन्होंने बताया कि इनमें वे मरीज भी शामिल हैं जो बाहर से यहां के अस्पतालों में उपचार कराने आए हैं। मंत्री ने बताया कि दिल्ली में 18 से 44 साल के लोगों का टीकाकरण कर रहे कई केंद्रों को शुक्रवार को बंद कर दिया गया क्योंकि राष्ट्रीय राजधानी में इस आयुवर्ग के टीकाकरण के लिए टीके की कमी है।
‘वैक्सीन की कमी के चलते कई केंद्र बंद’
उन्होंने बताया, ‘दिल्ली में कोवैक्सिन की खुराक कई दिन पहले ही खत्म हो गई थी। कोविशील्ड की खुराक भी खत्म हो रही है। कई केंद्रों को आज बंद किया गया है। दिल्ली के अस्पतालों में बुधवार रात तक ब्लैक फंगस के 197 मामले आए थे जिनमें वे रोगी भी शामिल हैं जो उपचार के लिए दूसरे राज्यों से यहां आए हैं।’ उन्होंने कहा कि पूरे देश में ब्लैक फंगस या म्यूकोरमाइकोसिस के उपचार में इस्तेमाल एम्फोटेरीसिन-बी इंजेक्शन की कमी है। केंद्र से 2000 इंजेक्शन दिल्ली को मिलने की उम्मीद है जिन्हें इन अस्पतालों को दिया जाएगा।
‘स्टेरॉयड बहुत ही खतरनाक है’
जैन से डॉक्टरों की सलाह के बिना कोविड-19 मरीजों द्वारा स्टेरॉयड लेने के प्रति आगाह किया। उन्होंने कहा, ‘यह बहुत ही खतरनाक है। स्टेरॉयड लेने से मरीजों की प्रतिरक्षण क्षमता शून्य हो जाती है। ब्लैक फंगस मिट्टी या घर के अंदर सड़ रहे सामान में पाया जाता है और स्वस्थ व्यक्तियों को प्रभावित नहीं करता, लेकिन क्षीण प्रतिरोधक क्षमता वालों के इससे संक्रमित होने का अधिक खतरा है।’ जैन ने कहा कि स्टेरॉयड लेने वाले मरीज इन बातों का ध्यान रखें और कम से कम एक सप्ताह घर से बाहर नहीं जाएं या लोगों से नहीं मिलें।
‘दिल्ली में ज्यादा बच्चे नहीं हुए संक्रमित’
जैन ने कहा कि एहतियात बरतना बेहतर है क्योंकि ब्लैंक फंगस का इलाज मुश्किल है। उन्होंने कहा कि सौभाग्य से कोरोना वायरस से बहुत अधिक बच्चे संक्रमित नहीं हुए हैं। उन्होंने कहा, ‘कुछ दिनों में दिल्ली सरकार बच्चों से जुड़े आंकड़े साझा करेगी। यह कहा जा रहा है कि तीसरी लहर में बच्चे बड़े पैमाने पर प्रभावित होंगे। हम इसकी तैयारी कर रहे हैं।’ उन्होंने बताया कि कोविड-19 मरीजों के लिए 28,595 सामान्य बिस्तर हैं जिनमें से 16,712 बिस्तर खाली हैं। इनके अलावा 1,748 आईसीयू बिस्तर भी ऐसे मरीजों के लिए उपलब्ध हैं।