श्रद्धा मर्डर केस में कहां तक पहुंची तफ्तीश? करीब 20 दिन से चल रही जांच-पड़ताल
पुलिस ने कोर्ट में एप्लिकेशन लगाकर आफताब का नार्को टेस्ट 1 दिसंबर को कराने की परमिशन मांगी और कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को परमिशन दे भी दी। अब आफताब का नार्को टेस्ट 1 दिसंबर यानी गुरुवार को दिल्ली के अंबेडकर अस्पताल में किया जाएगा।
Shraddha Murder Case: श्रद्धा मर्डर केस की जांच शुरू हुए तकरीबन 20 दिन से ऊपर हो गए है, लेकिन अभी भी ऐसे कई सबूत हैं जो मिलना बाकी है। आफताब सच बोल रहा है या झूठ इसके लिए पुलिस की पूछताछ काफी नहीं थी, लिहाजा पुलिस ने कोर्ट से इजाजत लेकर सबसे पहले आफताब का पॉलीग्राफी टेस्ट कराया। पॉलीग्राफी मतलब 'लाई डिटेक्टर टेस्ट' जिससे ये पता लगाने में साइंटिफिकली आसानी होती है कि आरोपी सच बोल रहा है या झूठ ये टेस्ट सोमवार को पूरा हो चुका है और अब बारी है आफताब के नार्को टेस्ट की। पुलिस भी इस केस की जांच को जल्द पूरा करना चाहती है, लिहाजा आफताब के नार्को टेस्ट को जल्दी कराने के लिए पुलिस ने कोर्ट में एप्लिकेशन लगाकर आफताब का नार्को टेस्ट 1 दिसंबर को कराने की परमिशन मांगी और कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को परमिशन दे भी दी। अब आफताब का नार्को टेस्ट 1 दिसंबर यानी गुरुवार को दिल्ली के अंबेडकर अस्पताल में किया जाएगा।
पुलिस को उम्मीद है नार्को टेस्ट के दौरान आफताब ऐसे राज़ से पर्दा हटा सकता है जिससे पुलिस को और रिकवरी करने में आसानी होगी यानी बचे हुए बॉडी पार्ट्स, श्रद्धा का मोबाइल फोन से लेकर कई अहम सबूतों का पता नार्को के बाद पुलिस को लग सकता है और नार्को के बाद कि गई रिकवरी अगर होती है तो कोर्ट के सामने ये आफताब के खिलाफ सबसे बड़ा सबूत बन सकती है।
अभी तक क्या-क्या हुआ रिकवर?
श्रद्धा मर्डर केस में पुलिस ने आफताब की निशानदेही पर 13 शरीर की हड्डियां, जबड़ा महरौली छतरपुर के जंगल से बरामद किया है।
पुलिस ने आफताब के फ्लैट से खून के स्टेन यानी खून के धब्बे रसोई, बाथरूम और बेडरूम से बरामद किए हैं यानी पूरे घर में हत्या के सबूत मिले हैं।
गुरुग्राम से भी पुलिस ने बॉडी के कुछ पार्ट्स रिकवर किए हैं।
आफताब और श्रद्धा के कुछ कपड़े पुलिस को मिले हैं।
पुलिस ने फ्लैट और जंगल से कुछ हथियार भी बरामद किए हैं जिन्हें जांच के लिए सीएफएसएल भेजा है रिपोर्ट के बाद ही पता लगेगा कि किस हथियार का इस्तेमाल इस वारदात में किया गया है।
ये सबूत हड्डियां, कपड़े, खून के निशान जो मिले हैं क्या ये सब श्रद्धा के ही हैं इन्हें तभी साबित किया जा सकता है तब सीएफएसएल से पुलिस को रिपोर्ट मिल जाए। सीएफएसएल की रिपोर्ट को आने में अभी भी लगभग एक हफ्ते का वक्त लग सकता है।
पुलिस के पास ये हैं एविडेंस
फ्लैट में सिर्फ आफताब और श्रद्धा का मौजूद होना।
हत्या के बाद खाने का ऑर्डर कम हो जाना।
श्रद्धा की मोबाइल लोकेशन छतरपुर फ्लैट में मिलना
घर में तीन जगहों से खून के निशान मिलना
हत्या के बाद इंटरनेट पर संदिग्ध सर्चिंग
इंटरनेट से पास्ट हिस्ट्री का डिलीट होना।
सीएफएसएल रिपोर्ट क्यों है महत्वपूर्ण?
क्या ये हत्या आफताब ने ही की, क्या श्रद्धा को 18 मई को ही मौत के घाट इसी फ्लैट में उतारा गया, क्या बरामद हड्डियों और श्रद्धा के पिता का ब्लड से डीएनए का मिलान हुआ? ये सभी बातें पुख्ता तौर पर सबूतों के साथ कोर्ट में तभी रखी जा सकती हैं जब सीएफएसएल से सभी रिपोर्ट पुलिस को मिल जाए। क्योंकि इस केस में 6 महीने पहले हुए कत्ल के बाद न पुलिस को बॉडी मिली, न पोस्टमॉर्टम हुआ इसलिए ये तय कर पाना मुश्किल है कि हत्या कब और कहा हुई। अभी तक सब आफताब के बयानों पर चल रहा है जिसकी कोर्ट में कोई वैल्यू नहीं है।
आफताब का शक ही है हत्या की वजह?
जांच में सामने आया है कि आफताब और श्रद्धा 3,4 मई को अलग होने का फैसला कर चुके थे। दोनों एक दूसरे को नहीं समझ पा रहे थे इसलिए दोनों की तरफ से अलग होने का फैसला लिया जा चुका था, लेकिन पूछताछ में आफताब ने बताया उसे शक था श्रद्धा किसी और के पास न चली जाए तो उसने गुस्से में श्रद्धा की गला घोंट कर हत्या कर दी फिर उसके टुकड़े करके अक्टूबर तक धीरे-धीरे उनको ठिकाने लगाया।
दिल्ली पुलिस ने पेटीएम, बंबल, फेसबुक, इंस्टाग्राम से दोनों के एकाउंट्स के बारे में तमाम डिटेल्स मांगी है जिनमें से कुछ ऐप ने दिल्ली पुलिस के साथ कुछ जानकारियां शेयर की है।
पुलिस सूत्रों के मुताबिक हिमाचल में दिल्ली के रहने वाले बद्री ने इन दोनों को छतरपुर में फ्लैट दिलवाने में मदद की थी, लेकिन उसकी कोई संदिग्ध गतिविधि अभी तक सामने नहीं आ पाई है। बद्री के बयान पुलिस ने दर्ज किए हैं।
दिल्ली पुलिस सूत्रों के मुताबिक पुलिस जब भी उससे पूछताछ करती है वो बेहद कॉन्फिडेंट नजर आता है और बहुत तेज रफ्तार में जवाब देता है। ज्यादातर जवाब अंग्रेजी में देता है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक आफताब बेहद शातिर है उसे पता है किस तरह से झूठ बोलना है और बार-बार एक ही झूठ बोलते जाना है।
साथ ही जांच से ये भी पता लगा है कि ये एकदम से किया हुआ कत्ल नहीं है, बल्कि आफताब ने एक लंबी प्लानिंग के बाद इस वारदात को अंजाम दिया है। पुलिस को दिए बयान में आफताब ने बताया कि उसने 18 मई को 8 से 10 बजे के बीच श्रद्धा की हत्या की और हत्या करने के बाद जमेटो से खाना मंगाकर खाया भी और 18 मई के बाद जमेटो से जो वो खाना ऑर्डर करता था उसकी क्वांटिटी कम हो गई थी।
आफताब के घर पर हत्या के बाद जो डॉक्टर आती थी उसे पुलिस विक्टिम मानकर चल रही है। वो लड़की भी शॉक में है कि जिस आफताब से उसकी ऑनलाइन डेटिंग ऐप पर दोस्ती हुई वो इस तरह से एक लड़की का कत्ल कर चुका है और मुलाकात के दौरान भी आफताब के घर पर श्रद्धा के टुकड़े थे जिसकी खबर इसको नहीं लगी। इस डॉक्टर का बयान भी पुलिस ने दर्ज किया है।
आफताब वारदात के बाद कई बार मुम्बई भी गया लेकिन उसने अपने माता-पिता को श्रद्धा के कत्ल की कोई जानकारी नहीं दी इसलिए पुलिस की जांच में आफताब के माता-पिता का अब तक कोई रोल सामने नहीं आया है।
श्रद्धा के पिता का कल डीसीपी ऑफिस में बयान दर्ज कराया गया है। इस केस में मुंबई पुलिस का दिल्ली पुलिस को लेट जानकारी देना एक बड़ी लापरवाही हुई है जिस वजह से अभी तक सभी सबूतों को नहीं जुटाया जा सका है।
अब 1 दिसंबर को आफताब का नार्को टेस्ट कराया जाएगा। नार्को और पॉलीग्राफी टेस्ट की रिपोर्ट और सीएफएसएल को भेजे गए सबूतों की रिपोर्ट इस केस को आगे ले जाएगी।
दिल्ली पुलिस के बेस्ट ऑफिसर्स की टीम इस केस को वर्कआउट करने में दिन-रात लगी हुई है। पुलिस की जांच में ये साफ है कि आफताब ने इसी फ्लैट में श्रद्धा का कत्ल करके उसकी बॉडी के टुकड़े करके उन्हें ठिकाने लगाया, लेकिन अब जांच में आई इन सभी बातों को साइंटिफिक तरीके से पुलिस कोर्ट में साबित करना चाहती है ताकि रेयर ऑफ रेयरेस्ट केस साबित करके आफताब को फांसी के फंदे तक ले जाया जा सके।