UP Crime News: उत्तर प्रदेश के संभल जिले के एक गांव में ग्रामीण की हत्या कर दी गई। ग्रामीण की हत्या इतनी बेहरहमी से की गई कि जिसने भी मृतक की लाश को देखा वह सहम गया। हत्या के बाद मृतक के परिजनों के गुस्से के आगे पुलिस भी पीछे हट रही थी। किसी तरह समझाकर पुलिस ने शव को कब्जे में लिया और पोस्टमार्टम के लिए भेजा।
मामला संभल के रजपुरा थाना क्षेत्र के गांव भगता नगला का है। हमलावर पहले तो ग्रामीण को घर से खींचकर बाहर तक लाए, फिर कार में जबरन डालकर अपने घर ले गए। हत्या के बाद हमलावरों ने ग्रामीण का शव गांव से बाहर बाग में ले जाकर फेंक दिया। ग्रामीण के शरीर पर चाकू से लगभग 20 से अधिक वार किए गए। पूरी रात ग्रामीणों ने शव नहीं उठने दिया। किसी तरह पुलिस ने लोगों को समझा बुझाकर सुबह तीन बजे शव कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा।
शराब पीने के बाद हुआ विवाद
पुलिस के अनुसार, गांव भगता नगला निवासी साहब सिंह (50) पुत्र ज्ञानी सिंह की गांव के हेतराम से 20 साल पहले जमीन को लेकर विवाद हुआ था। उसके बाद दोनों पक्षों में समझौता हो गया था। तभी से दोनों पक्ष एक दूसरे से बात करते थे और घर पर आना जाना भी था। गांव के हेतराम और रामकुमार ने रविवार की शाम एक साथ शराब पी थी। जिसके बाद उन दोनों के बीच किसी बात को लेकर कहा-सुनी हो गई और आरोपी साहब सिंह के घर के सामने गाली गलौज करने लगा। इन्होंने गाली गलौज करने का विरोध किया तो साहब सिंह भी कहासुनी हो गई। इसके बाद हेतराम अपने बेटों के साथ कार से साहब सिंह के घर पहुंच गया। जबरन साहब सिंह को कार में डाल लिया और ले जाने लगे।
बेटे को भी किया घायल
साहब सिंह के बेटे महेंद्र ने बचाने का प्रयास किया तो उन्हें भी कार से टक्कर मार दी। इससे वह गंभीर रूप से घायल हो गए। हमलावर साहब सिंह को अपने घर ले गए। जहां चाकू से गोदकर उनकी हत्या कर दी। हमलावरों ने साहब सिंह की एक आंख चाकू से निकाल ली तो जीभ भी काट ली। इसके बाद गांव के बाहर ले जाकर रानी बाले बाग में शव डाल दिया। रात में लगभग 10.30 बजे साहब सिंह के परिवार वाले उन्हें तलाशते हुए बाग पर पहुंचे। जहां उनका शव पड़ा हुआ था। इसके बाद थाना पुलिस भी मौके पर पहुंच गई, लेकिन पुलिस शुरुआत में हत्या को सड़क हादसा बता रही थी। इसी बात को लेकर ग्रामीणों ने हंगामा करना शुरू कर दिया। पूरी रात शव नहीं उठने दिया।
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