लखनऊ: एक कहावत है कि बुरे कर्म का नतीजा इसी जिंदगी में भुगतना पड़ता है। यूपी की सुल्तानपुर की एक अदालत ने एक किशोरी के साथ गैंगरेप के जुर्म में 2 सगे भाइयों को और उन दोनों का साथ देने के लिए उनके पिता को कड़ी सजा सुनाई है। विशेष न्यायाधीश (पाक्सो एक्ट/एडीजे तृतीय) अभय श्रीवास्तव की अदालत ने दोषी सगे भाइयों को 20-20 वर्ष के कठोर कारावास की सजा सुनाई और उन पर 90-90 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया। वहीं अदालत ने इन दोनों को अपराध के बाद भगाने में सहयोग करने के जुर्म में उनके पिता को 5 वर्ष के कठोर कारावास की सजा सुनाई और उसपर 10 हजार रुपए का जुर्माना लगाया।
क्या है पूरा मामला
विशेष लोक अभियोजक अभिषेक त्रिपाठी ने बताया कि पीपरपुर थाना क्षेत्र में नेवढ़िया गांव के जितेंद्र शुक्ला के खिलाफ इसी थाना क्षेत्र के रहने वाले अभियोगी ने 24 मार्च 2015 की घटना बताते हुए मुकदमा दर्ज कराया था। आरोप के मुताबिक घटना के दिन अभियोगी की नाबालिग पुत्री भादर स्थित एक इंटर कालेज में परीक्षा देने गई थी, लेकिन परीक्षा का समय खत्म हो जाने के बाद भी जब वह घर नहीं पहुंची तो परिजनों ने खोजबीन शुरू की।
काफी खोजबीन के बाद पता चला कि उसकी साइकिल पंचर बनाने के लिए भादर चौराहा स्थित एक दुकान पर खड़ी की गई थी और उसे जितेंद्र शुक्ला बहलाकर अपने साथ लेकर कहीं ले गया था। अभियोगी की तहरीर पर जितेंद्र शुक्ला के खिलाफ बहलाकर भगा ले जाने के आरोप में मुकदमा दर्ज हुआ और बाद में तफ्तीश के बाद पीड़िता बरामद हुई।
पीड़िता ने बताया कि जितेंद्र शुक्ला और उसके भाई हरि प्रकाश शुक्ला ने उसे ले जाकर उसके साथ रेप किया एवं आरोपी पिता सियाराम शुक्ला ने अपने आरोपी बेटों का घटना में सहयोग किया। पिता-पुत्रों के खिलाफ उपलब्ध सबूतों के आधार पर पुलिस ने गैंगरेप एवं पाक्सो एक्ट समेत अन्य धाराओं में आरोपपत्र दाखिल किया।
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