गाजियाबाद: उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिले के डासना में स्थित देवी मंदिर और यहां के महंत यति नरसिंहानंद सरस्वती की सुरक्षा में सेंध लगाने की कोशिश की गई। बताया यह जा रहा है कि बुधवार की रात तकरीबन 8:45 मिनट पर दो संदिग्ध युवकों ने मंदिर में प्रवेश किया। युवकों की तलाशी लेने पर संदिग्ध सामान बरामद हुए, जिसके बाद मंदिर प्रबंधक ने पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने दोनों संदिग्ध को अपनी कस्टडी में लेकर जांच शुरू कर दी है। गौरतलब है कि महंत को पहले ही जान से मारने की धमकियां मिल चुकी हैं।
15 दिन पहले ही पकड़ा गया था आतंकी
दिल्ली पुलिस ने 15 दिन पहले ही एक संदिग्ध आतंकवादी को पकड़ा था जिसने खुलासा किया गया था कि वह महंत की हत्या की करने के लिए आया हुआ था। फिलहाल दोनों संदिग्ध के पकड़े जाने के बाद मंदिर की सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद कर दी गई है। मंदिर की सुरक्षा में पुलिस के साथ पीएसी के जवान भी पहले से तैनात है, लेकिन संदिग्ध पकड़े जाने के बाद से मंदिर की सुरक्षा और बढ़ा दी गई है। मंदिर में 3 लेयर का सुरक्षा घेरा बनाया गया है।
रजिस्टर में एंट्री के लिए दिया फर्जी नाममंदिर के मुख्य द्वार पर हर आने वाले व्यक्ति की एंट्री के साथ उसका पहचान पत्र चेक किया जा रहा है। मंदिर के दूसरे द्वार पर भी पुलिस तैनात की गई है और फिर मंदिर के अंदर के मुख्य द्वार को मंदिर प्रबंधक कमेटी ने अपने सुरक्षा घेरे में लिया हुआ है। इसके साथ ही मंदिर को सीसीटीवी कैमरे से लैस कर दिया गया है। जो दोनों संदिग्ध पकड़े गए हैं उसमें से एक ने अपना नाम काशी गुप्ता रजिस्टर पर एंट्री कराया था (बाद में फर्जी पाया गया) जबकि दूसरे ने विपुल विजयवर्गीय के नाम से अपना पहचान पत्र दिखाया था।
जांच के बाद ‘काशी’ निकला कासिफ
संदिग्धों के पास से 19 धार्मिक किताबें बरामद की गई है जिनमें कुरान और गीता के साथ कई धर्मों की किताबें शामिल हैं। इसके अलावा इनके पास से सर्जिकल ब्लेड भी बरामद किया गया है। ब्लेड मिलने के बाद ही पुलिस को सूचना दी गई थी। पुलिस की जांच में यह पता चला है कि काशी गुप्ता ने अपना नाम और आईडी गलत दिखाया था जबकि उसका नाम कासिफ है। पुलिस इन दोनों संदिग्धों से गहन पूछताछ कर रही है और मंदिर आने का मकसद का पता लगाने में जुटी है।
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