नई दिल्ली: पूर्वी दिल्ली के फर्श बाजार इलाके में निर्माणाधीन भवन से बैंक में घुसकर 55 लाख रुपये से अधिक की चोरी के आरोप में 34 वर्षीय व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने मंगलवार इस बारे जानकारी देते हुए कहा कि आरोपी ने अपराध को अंजाम देने के लिए बैंक के परिसर के अंदर एक दीवार में सेंध लगाई थी, जिससे अनजान बैंक के अधिकारियों ने उसपर भरोसा करते हुए उसे ही सुराख को बंद करने का काम दे दिया। उन्होंने कहा कि आरोपी ने घटना के समय अपनी पहचान छिपाने के लिए हेल्मेट पहन रखा था।
पुलिस ने यह भी कहा कि चोरी के रुपयों में से कुछ हिस्सा लेने वाले एक और व्यक्ति को भी गिरफ्तार कर लिया गया है। उन्होंने कहा कि आरोपी की पहचान हरिराम और कालीचरण (39) के रूप में हुई है। दोनों विश्वास नगर के निवासी हैं। सोमवार सुबह करीब 10:15 बजे पुलिस को विश्वास नगर इलाके में बैंक में चोरी के संबंध में सूचना मिली थी। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि पुलिस ने मौके का मुआयना किया तो पाया कि बगल के निर्माणाधीन भवन से बैंक के सर्वर रूम की दीवार में छेद किया गया है। तहखाने में एक स्ट्रांग रूम की दीवार में एक और छेद किया गया और तिजोरी से 55,03,330 रुपये की नकदी चोरी की गई।
पुलिस ने कहा कि जांच के दौरान चौकीदारों, संविदा कर्मचारियों और पिछले 6 महीनों में लॉकर रूम में प्रवेश करने वाले लोगों के बारे में जानकारी एकत्र करने के लिए विभिन्न टीमों का गठन किया गया। अधिकारी ने कहा कि 50 से अधिक CCTV की जांच के बाद एक अन्य निर्माणाधीन इमारत में स्थित ATM के पास स्थापित एक कैमरे का रुख ऊपर की ओर पाया गया। पता चला कि CCTV से छेड़छाड़ की गई है। अधिकारी ने कहा कि व्यक्ति की हथेली और उसके चेहरे के कुछ हिस्से कुछ माइक्रोसेकंड के लिए कैमरे में कैद हो गए। उन्होंने कहा कि इस सुराग पर काम करने के दौरान यह पता चला कि इमारत की पहली मंजिल से कैमरे के साथ छेड़छाड़ की गई थी।
उन्होंने कहा कि जिस समय CCTV का रुख निर्माणाधीन भवन की ओर था तब भवन में मौजूद तीन प्रमुख संदिग्धों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था। अधिकारी ने कहा कि CCTV फुटेज के विस्तृत विश्लेषण से पता चला है कि वह व्यक्ति हरिराम था, जो पास की एक गली में रहता है। जिस इमारत की CCTV फुटेज मिली, उसकी देखभाल करने वाले लोग उसे जानते थे। पुलिस उपायुक्त (शाहदरा) आर सत्यसुंदरम ने कहा, 'बाद में, हरिराम को पकड़ लिया गया। पूछताछ के दौरान उसने यह कहकर पुलिस को गुमराह करने की कोशिश की कि एक व्यक्ति ने उसे कैमरे की दिशा बदलने के लिए 1,000 रुपये दिए, लेकिन बाद में उसने अपना अपराध कबूल कर लिया।'
DCPA के अनुसार हरिराम ने कहा कि उसे छह महीने पहले बैंक में स्ट्रांग रूम में मरम्मत कार्य के लिए बुलाया गया था। नवीनीकरण के दौरान उसने जगह की अच्छी तरह टोह लेकर नकदी व संभावित प्रवेश तथा निकास मार्गों के बारे में सारी जानकारी एकत्र की। इसके बाद उसने की घटना को अंजाम दिया। (भाषा)
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