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Hindi News क्राइम Shraddha Murder Case: 'मैंने उसके 35 नहीं 18-20 टुकड़े ही किए थे', बार-बार अपने बयान से पलट रहा आफताब

Shraddha Murder Case: 'मैंने उसके 35 नहीं 18-20 टुकड़े ही किए थे', बार-बार अपने बयान से पलट रहा आफताब

पुलिस कस्टडी में आफताब अब अपने बयान से पलटता जा रहा है। उसने पुलिस को श्रद्धा की हत्या कर उसके 35 टुकड़े करने की बात कबूली थी लेकिन अब वह कह रहा है कि उसने श्रद्धा के 35 नहीं बल्कि 18-20 टुकड़े ही किए थे।

पुलिस कस्टडी में आफताब- India TV Hindi पुलिस कस्टडी में आफताब

श्रद्धा हत्याकांड को लेकर पुलिस की तफ्तीश जारी है। आफताब ने अपने लिव-इन पार्टनर श्रद्धा के 35 टुकड़े कर के जंगल में फेंक दिए थे। और पुलिस को उसकी हत्या करने की बात कबूली थी। जिसके बाद पुलिस श्रद्धा के शरीर के टुकड़ों को खोजने में लगी हुई है। पुलिस की लगातार जंगल में सर्च ऑपरेशन जारी है। हांलाकि आफताब ने जो बातें दिल्ली पुलिस को बताई है वह सभी बातें सही नहीं है। अब आफताब खुद अपनी कही हुई बातों से पलट रहा है। बीते रात कल आफताब ने बताया कि उसने श्रद्धा के शव के 35 टुकड़े नहीं बल्कि 18-20 टुकड़े किए थे। पुलिस को अब आफताब की बातों पर यकीन नहीं हो रहा है इसलिए अब पुलिस जांच में मनोचिकित्सक को शामिल किया गया है। दिल्ली पुलिस आफताब का दिमाग पढ़ने के लिए मनोचिकित्सकों और माइंडरीडर की मदद ले रही है। 

आफताब के दिमाग को पढ़ने की कोशिश की जा रही

पुलिस के मुताबिक, कातिल आफताब बेहद तेज दिमाग शख्स है जो कि पुलिस को अपने ही जाल में फंसाने की कोशिश कर रहा है। देश के सबसे तजुर्बेकार मनोचिकित्सकों और माइंडरीडर के जरिए आफताब के दिमाग को पढ़ने की कोशिश की जा रही है। आफताब के लैपटॉप से भी उसकी जिंदगी के कई अहम राज पुलिस को पता चले हैं जो वो पूछे जाने पर छिपा रहा था। दिल्ली पुलिस की कई टीमें मुम्बई, उत्तराखंड, हिमाचल और उन तमाम राज्यों में जांच कर रही है। जांच से जुड़े सबूत और आफताब की कुंडली खंगालने के साथ ही हिमाचल और उत्तराखंड में श्रद्धा और आफताब की हर ट्रिप से जुड़ी जानकारियां जुटाने के लिए वहां मौजूद हैं। फ्रीज से पुलिस को श्रद्धा की लाश से जुड़े फॉरेंसिक सबूत मिलने की सबसे ज्यादा उम्मीद है। दर्जनों लेबर, एमसीडी कर्मचारी, आफताब के घर के रास्ते से लेकर जंगल तक चलने वाले रिक्शाचालकों, दुकानदारों और रेहड़ी पटरी वालों के बीच गवाह तलाशे जा रहे हैं।

आफताब से जुड़े हर इंसान के संपर्क में है पुलिस 

लाश के टुकड़ों को ठिकाने लगाने के लिए आफताब जंगल तक बिना डरे पैदल जाता था, उसके पास न कोई दुपहिया वाहन थी न ही कार। लाश के टुकड़े करने के लिए किसी सामान्य चाकू का इस्तेमाल नहीं किया था न ही चॉपर का। इस केस से जुड़े सभी किरदार पुलिस के संपर्क में हैं चाहे आफताब का दोस्त बद्री हो या फिर फ्लैट किराये पर दिलवाने वाला रोहन। आफताब के सभी दोस्तों वह भी जो सोशल मीडिया फ्रेंड भी हों उनकी मदद से आफताब के बारे में जानने की कोशिश की जा रही है, उनके बयान दर्ज हो रहे हैं। पुलिस श्रद्धा के जानने वालों और उसके दोस्तों के संपर्क में भी है जिनके बयान दर्ज होंगे। आफताब का परिवार भी पुलिस के संपर्क में है, पिता के मुताबिक वो बहुत खुले विचारों का लड़का था जिसे बंदिशे पसंद नहीं थीं।

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