रांची: झारखंड के रामगढ़ में कथित तौर पर बेच दी गई आठ माह की बच्ची आखिरकार अपने माता-पिता की गोद में आई है। जिला प्रशासन एवं बाल कल्याण समिति ने बच्ची को बरामद करने के बाद उसका इलाज कराया। तथ्यों एवं दस्तावेजों के सत्यापन के बाद शुक्रवार को उसे उसके माता-पिता को सौंप दिया गया।
जानिए क्या है पूरा मामला
बता दें कि रामगढ़ के एक दंपति ने बीते 14 फरवरी को थाने पहुंचकर उसकी बच्ची को 90 हजार रुपये में बेच दिए जाने की शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायत दर्ज कराने वाले राहुल साहनी के अनुसार, वह ऑटो चलाकर परिवार का भरण-पोषण करता है। चार महीने पहले एक सड़क दुर्घटना में उसका पैर टूट गया था। इस वजह से वह ऑटो नहीं चला पा रहा था। लगभग दो महीने पहले उसकी पत्नी बच्ची को लेकर हजारीबाग के चुरचू स्थित अपने मायके गई थी। वह 11 फरवरी को मायके से लौटी तो उसके साथ उसकी बच्ची नहीं थी।
बच्ची के बारे में पूछने पर उसकी पत्नी ने बताया कि कुछ दिन पहले राहुल कुमार राम और उनकी पत्नी रीता देवी ने उससे संपर्क किया था। दोनों ने उसे कहा कि पैर टूटने की वजह से तुम्हारा पति कुछ काम नहीं कर रहा है और तुम लोग अपनी बच्ची का पालन-पोषण ठीक से नहीं कर पा रहे हो। उसे समझाया कि अभी तुम अपनी बच्ची हमें दे दो और हम उसकी अच्छी परवरिश करेंगे। जब तुम्हारा पति ठीक हो जाएगा, तो बच्ची को वापस ले जाना। बच्ची के पिता ने शिकायत में कहा था कि जब उसने अपनी बच्ची वापस पाने के लिए राहुल कुमार राम और रीता देवी से संपर्क किया, तो उन्होंने बच्ची को लौटाने से इनकार कर दिया।
दंपति ने बताया कि उन्होंने उसकी बच्ची को 90 हजार रुपये में बेच दिया है। शिकायत पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने बच्ची को बरामद कर लिया। इसके बाद जिला प्रशासन एवं बाल कल्याण समिति को अपने संरक्षण में लिया था। इस मामले में पुलिस ने तीन लोगों को गिरफ्तार किया था। (IANS)
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