राजस्थान के झालावाड़ जिले की एक विशेष अदालत ने नौ साल की बच्ची के दुष्कर्म मामले में आरोपी व्यक्ति को दोषी करार देते हुए उसे 20 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है। अदालत ने दोषी पर 25000 रुपये का जुर्माना भी लगाया है। आधिकारिक बयान के मुताबिक यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण ‘पॉक्सो‘ अदालत ने दुष्कर्म के दोषी 25 वर्षीय कन्हैया लाल उर्फ कान्हा भील को बुधवार को 20 साल के कठोर कारावास और 25000 रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई।
2020 में दर्ज कराया गया था मुकदमा
जिला पुलिस ने इस मामले को विशेष ‘केस ऑफिसर स्कीम‘ में लिया था। झालावाड़ की पुलिस अधीक्षक ऋचा तोमर ने बताया कि आरोपी कन्हैया लाल के खिलाफ चार अगस्त 2020 को रायपुर थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया था। मुकदमे में कहा गया था कि आरोपी सोती हुई बच्ची को उठाकर एक खंडहर में ले गया और वहां उसके साथ दुष्कर्म किया। मामले में पुलिस ने त्वरित कार्रवाई कर कन्हैयालाल को गिरफ्तार किया था और अदालत में उसके खिलाफ चालान पेश किया था।
पॉक्सो अदालत ने कन्हैया लाल को करार दिया दोषी
तोमर के अनुसार, अपराध की गंभीरता को देखते हुए मामले का चयन ‘केस ऑफिसर स्कीम‘ में कर अदालत, अभियोजन अधिकारी एवं गवाहों से समय समय पर समन्वय स्थापित कर सुनवाई के निपटारे के प्रभावी प्रयास किए गए। उन्होंने बताया कि सुनवाई पूरी होने के बाद पॉक्सो अदालत ने कन्हैया लाल को दोषी करार देते हुए उसे 20 साल के कठोर कारावास और 25 हजार रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई।
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