Punjab: पंजाब के लुधियाना(Ludhiana) में एक व्यक्ति ने एक सरकारी अधिकारी के खिलाफ रिश्वत लेने का मामला दर्ज कराया था। पुलिस ने बताया कि केस दर्ज कराने वाले व्यक्ति को मामला रफा-दफा करने के लिए संबंधित अधिकारी से खुद पैसे लेते पकड़ा गया है। अधिकारियों ने बताया कि फजिल्का जिले के चक रोरीवाला गांव निवासी आरोपी सुखजिंदर सिंह ने कनिष्ठ अभियंता स्वरन रानी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। आरोपी ने अधिकारी के खिलाफ उससे 25 हजार रुपये की घूस मांगने की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। अधिकारियों ने बताया सतर्कता विभाग(Vigilance Department) ने रानी को सुखजिंदर से रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा था।
11 लाख रुपये में तय हुआ समझौता
हालांकि, बाद में रानी के भाई संदीप सिंह ने सुखजिंदर पर मामले को वापस लेने के लिए 15 लाख रुपये की मांग करने का आरोप लगाते हुए उसके खिलाफ शिकायद दर्ज कराई। सिंह ने दावा किया कि सुखजिंदर ने पैसों की मांग करते समय सतर्कता विभाग में अपने कुछ परिचित होने की बात कही थी। अधिकारियों के मुताबिक, रानी के भाई संदीप और सुखजिंदर में 11 लाख रुपये में समझौता हुआ, जिसमें से एक लाख रुपये का भुगतान तत्काल किया जाना था। उन्होंने बताया कि सतर्कता आयोग ने सुखजिंदर को संदीप से पैसे लेते रंगे हाथों पकड़ा। सतर्कता ब्यूरो के एक अधिकारी के अनुसार, सुखजिंदर के खिलाफ लुधियाना में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत एक मामला दर्ज किया गया है।
रिश्वत लेते रंगेहाथ पकड़ा
धर्मशाला अग्निशमन केंद्र के प्रभारी एसके चौधरी को विजिलेंस टीम ने गुरुवार शाम 20 हजार रुपये की रिश्वत लेते रंगेहाथ पकड़ा है। आरोप है कि जिला मुख्यालय में एक निर्माणाधीन भवन में फायर फाइटिंग सिस्टम स्थापित करने के लिए अनापत्ति प्रमाणपत्र (एनओसी) देने की एवज में वह रिश्वत ले रहा था। इस संदर्भ में विजिलेंस ने मामला दर्ज कर आगामी कार्रवाई शुरू कर दी है।जानकारी के मुताबिक धर्मशाला क्षेत्र के ही एक ठेकेदार दीपक गुलेरिया ने विजिलेंस थाना धर्मशाला में इस संबंध में शिकायत की थी। दीपक गुलेरिया ने बताया कि वह धर्मशाला में एक भवन बना रहा है, जो अभी निर्माणधीन है।
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