कोंडागांव: छत्तीसगढ़ के कोंडागांव जिले में एक युवती के गैंगरेप और आत्महत्या का मामला सामने आया है। इस मामले में पुलिस द्वारा लापरवाही किए जाने की बात भी सामने आई है जिसके बाद राज्य सरकार ने संबंधित थाना इंचार्ज को सस्पेंड कर दिया है। कोंडागांव के पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थ तिवारी के मुताबिक, बीती 19 जुलाई को 2 नाबालिगों सहित 7 लोगों ने युवती के साथ गैंगरेप की घटना को अंजाम दिया था। इसके बाद पीड़िता ने अगले दिन आत्महत्या कर ली थी। इस मामले में पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है एवं अन्य लोगों का पताकर गिरफ्तार करने की कोशिश की जा रही है।
लाश कब्र से निकालकर करवाया गया पोस्टमॉर्टम
तिवारी के मुताबिक, बाद में पीड़िता के शव का उत्खनन करवाकर पोस्टमॉर्टम करवाया गया और इस संबंध में मामला दर्ज किया गया। पीड़िता के परिवार का आरोप है कि एक विवाह समारोह में गई युवती के साथ 19 जुलाई को 7 युवकों ने गैंगरेप किया था और अगले दिन युवती ने आत्महत्या कर ली थी। इसके बाद परिवार के लोगों ने युवती के शव को गांव से दूर दफना दिया था। युवती के चाचा ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि गैंगरेप के बाद ही उन्होंने शिकायत दर्ज करवाने की कोशिश की थी, लेकिन पुलिस ने केस दर्ज नहीं किया। हालांकि, पुलिस ने पीड़िता के परिजनों के दावे को खारिज कर दिया।
लापरवाही के आरोप में थाना इंचार्ज सस्पेंड
कोंडागांव के पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थ तिवारी ने बताया कि उन्हें स्थानीय मीडिया में खबरों के प्रकाशित होने के बाद घटना की जानकारी मिली। मामले की जानकारी होने के बावजूद उसे उच्चाधिकारियों को न बताने, और विधि सम्मत कार्रवाई न करने के चलते धनोरा के टीआई रमेश शौरी को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है और इसकी अलग से विभागीय जांच की जा रही है। बता दें कि छत्तीसगढ़ की कानून व्यवस्था के मामले को लेकर विपक्ष भूपेश बघेल सरकार पर लगातार हमला बोल रहा है।
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