नई दिल्ली: डीसीपी साउथ वेस्ट गौरव शर्मा के मुताबिक साउथ वेस्ट दिल्ली पुलिस के स्पेशल स्टाफ की टीम ने इंटर स्टेट ऑटो लिफ्टर यानी गाड़ियों को अलग-अलग तरीके से चुराने वाले गैंग का भंडाफोड़ करते हुए 4 ऑटो लिफ्टर को गिरफ़्तार किया है। जिनके नाम आबिद (अमरोहा, यूपी), सगोलसेम जॉनसन सिंह (मणिपुर), मोहम्मद आसिफ (मेरठ यूपी), सलमान (इंदौर) है। पुलिस ने जिन लोगों को गिरफ्तार किया उनके पास से 21 हाईटेक लग्जरी ऑटो मेटिक ट्रांसमिशन गाड़िया बरामद की है जिंसमे 10 फॉर्च्यूनर, 4 क्रेटा, 5 बलेनो, 1 XUV 500, एक मारुति इको कार शामिल है। पुलिस ने इन गाड़ियों को इम्फाल, मणिपुर और इंदौर से बरामद किया गया है।
आपको बता दें कि 3 अक्टूबर को को मोहम्मद इकलाख नाम के एक शख्स ने शिकायत दी कि उसने अपनी फॉर्च्यूनर कार, सफदरजंग एनक्लेव की कृष्णा नगर पार्किंग में पार्क की थी जो चोरी हो गई है। इस तरह की मिल रही शिकायत के बाद दिल्ली पुलिस ने मामला दर्ज किया और एक टीम का गठन किया जिंसमे स्पेशल स्टाफ के पुलिस अफसरों को लगाया गया। एक जानकारी के बाद आबिद, अमरोहा यूपी के रहनेवाले ऑटो लिफ्टर को गिरफ्तार किया गया जिसने कुबूला कि वो सरिक सट्टा गैंग (दुबई से चलने वाला गैंग) का एक्टिव सदस्य है और इसपर 15 केस दर्ज है जिसमे एनएसए और गुंडा एक्ट शामिल है।
आबिद ने बताया कि ये कैरियर के तौर पर काम करता है, 3 अक्टूबर को चुराई हुई फॉर्च्यूनर गाड़ी इसने रिसीव की जो इसे आमिर, सफर और सिकन्दर नाम के लड़कों ने कश्मीरी गेट पर दी। आबिद ने गाड़ी अपने बॉस सारिक सट्टा जो दुबई से ये गैंग चलाता है उसके कहने पर इम्फाल मणिपुर में जॉनसन और विद्यासुंदर को दे दी। इसने जानकारी दी कि ऐसे कई गैंग एक्टिव है जिंसमे मेरठ का आसिफ उर्फ पट्टू शामिल है जो चोरी की गाड़ियों को इंदौर, देवास, मध्यप्रदेश बेचते है।
इसके बाद दो पुलिस अफसर मणिपुर गए और जांच शुरू की और एक टीम मेरठ गई जिसके बाद मोहम्मद आसिफ उर्फ पट्टू को गिरफ्तार किया गया। इसने बताया कि ये कई चोरी की गाड़ियों को आगे बेच चुका है जिंसमे एक डीलर सलमान इंदौर का रहने वाला शामिल है। इसके बाद इम्फाल और इंदौर में टीम को भेजा गया।
मणिपुर में तफ्तीश शुरू की गई और लोकल पुलिस की मदद से मुख्य रिसीवर जॉनसन को इम्फाल से गिरफ्तार किया गया ऑरिस के पास से 14 गाड़िया फॉर्च्यूनर और क्रेटा बरामद की गई जो दिल्ली एनसीआर से चुराई गई थी। दिल्ली पुलिस ने 200 किलोमीटर से ज्यादा इन गाड़ियों को खुद इन इलाकों से ड्राइव किया और फिर दिल्ली के लिए रोड ट्रांसपोर्ट के जरिए डिस्पैच करवाया।
गिरफ्तार जॉनसन ने बताया कि दो मॉड्यूल काम करते है जिंसमे एक ये और विद्यासुंदर मणिपुर से गैंग चलाते है और चोरी की गाड़ियों को खरीदते बेचते है। ये कलकत्ता के रहने वाला फराज से मणिपुर की मार्किट की डिमांड से चोरी की गाड़ियां खरीदते थे और ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी में सेटिंग कर इन गाड़ियों का नया रजिस्ट्रेशन कराकर आगे बेचते थे। जो खरीदार सोशल मीडिया के माध्यम से जुड़ते थे उन्हें नही पता होता था ये चोरी की गाड़ियां है।
आसिफ को गिरफ्तार करके टीम ने इंदौर में कई जगह रेड्स की और मुख्य रिसीवर सलमान को पकड़ लिया गया, सलमान इंदौर में एक गैराज चलाता था जो टोटल लॉस गाड़ी को खरीदता था और उसका इंजन नमंबर चेसिस नंबर चुराई हुई नई गाड़ियों में फीट करके उन्हें अलग गाड़ी बना दिया करता था। सलमान और आसिफ के पास से 7 चोरी की गाड़ियां इंदौर और मेरठ से बरामद की गई।
ये आरोपी इंश्योरेंस कंपनी, ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी से सेटिंग करके नई चोरी की गाडियों में स्क्रैप की गाड़ियों के चेसिस और इंजन नंबर बदलकर मासूम लोगों को बेहद कम दाम पर चोरी की गाड़ी बेचते थे जैसे फॉर्च्यूनर को 3.5 लाख, क्रेटा 2.5 लाख, बलेनो 1.5 लाख।
इनके फोन से चेसिस, इंजन नंबर जैसे कई सबूत मिले, जांच में बताया कि ये सब सारिक हुसैन उर्फ सट्टा के गैंग के लोग है जो काफी समय से चोरी की गाड़ियों के धंधे में है और इसे स्पेशल सेल ने 2018 में गिरफ्तार भी किया था। बेल पर बाहर आने के बाद ये दुबई भाग गया और वहां से अपना गैंग चला रहा है। ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट, इंसयोरेन्स कंपनियों को नोटिस करके टोटल लॉस गाड़ियों का डेटा और मणिपुर में रजिस्ट्रेशन की डिटेल्स मांगी गई है और आगे की जांच जारी है।
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