A
Hindi News क्राइम बीजेपी नेता के भतीजे की हत्या की साजिश रचने के आरोप में आजमगढ़ के 2 शूटर गिरफ्तार

बीजेपी नेता के भतीजे की हत्या की साजिश रचने के आरोप में आजमगढ़ के 2 शूटर गिरफ्तार

उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद में पुलिस ने शनिवार को आजमगढ़ के 2 शूटरों को गिरफ्तार किया। इन दोनों को भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव के भतीजे को खत्म करने का काम सौंपा गया था।

Azamgarh shooters, Azamgarh shooters Firozabad, Azamgarh, Shooters, Azamgarh shooters BJP- India TV Hindi Image Source : TWITTER.COM/FIROZABADPOLICE उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद में पुलिस ने शनिवार को आजमगढ़ के 2 शूटरों को गिरफ्तार किया।

फिरोजाबाद: उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद में पुलिस ने शनिवार को आजमगढ़ के 2 शूटरों को गिरफ्तार किया। इन दोनों को भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव के भतीजे को खत्म करने का काम सौंपा गया था। वर्तमान में गोरखपुर जेल में बंद एक हिस्ट्रीशीटर देवेंद्र यादव ने राजनेता के भतीजे को खत्म करने के लिए 5 लाख रुपये में शूटरों आशीष यादव और संदीप यादव को भाड़े पर लिया था। कांच फैक्ट्री चलाने वाला पीड़ित, अपनी फैक्ट्री के क्लर्क कुलदीप के परिवार को देवेंद्र के छोटे भाई शिवा के खिलाफ मुकदमा लड़ने में मदद कर रहा था।

‘एक जोड़ी जींस के लिए भी कर सकते थे हत्या’
रिपोर्ट्स के मुताबिक, 2014 में क्लर्क की गोली मारकर हत्या कर दी थी और उससे 40 हजार रुपये लूट लिए थे। दोनों शूटरों को स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (SOG) की टीम ने सिरसागंज से पकड़ा था, जिनके पास से एक हैचबैक और 2 देसी पिस्तौल भी जब्त किए गए थे। आगरा रेंज के IG सतीश गणेश ने कहा, ‘ये पूर्वी उप्र के ऐसे शूटर हैं जिनका कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं है क्योंकि वे पुलिस के लिए कोई निशान ही नहीं छोड़ते हैं। वे एक जोड़ी जींस के लिए भी किसी को भी मार सकते थे। उनके काम में सफल होने के बाद उन्हें ट्रेस करना और सारे डॉट्स कनेक्ट करना हमारे लिए मुश्किल था।’


‘शूटरों को 5 लाख रुपये देने का किया गया था वादा’
आईजी ने कहा कि पकड़े गए शूटरों में से एक इटावा में पॉलिटेक्निक का छात्र है। उन्हें शुरू में 5,000 रुपये का भुगतान किया गया था, लेकिन उन्हें 5 लाख रुपये देने का वादा किया गया था। इन शूटरों को काम पर रखने वाले हिस्ट्रीशीटर देवेंद्र यादव ने अगस्त 2019 में भूमि विवाद को लेकर अनूप कुमार नाम के व्यक्ति की हत्या कर दी थी। बाद में उस पर 50,000 रुपये का इनाम घोषित किया गया था। उसे फरवरी 2020 में एसटीएफ गोरखपुर ने गिरफ्तार किया था। उन्होंने आगे कहा, ‘देवेंद्र का मानना था कि देवेंद्र के छोटे भाई शिवा को जेल भेजने के लिए पीड़ित अपने मृतक क्लर्क के परिवार की मदद कर रहा था।’ (IANS)

Latest Crime News