Action Against PFI:पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआइ) और उसके सहयोगी संगठनों पर प्रतिबंध से संगठन में बौखलाहट है। नेशनल इन्वेस्टीगेशन एजेंसी (एनआइए) की ताबड़तोड़ कार्रवाई ने आतंकी संगठनों से संबंध रखने वाले पीएफआइ की कमर तोड़ दी है। मगर पीएफआइ अभी भी चुनौती दे रहा है। ताजा मामले में पीएफआइ ने दक्षिण कन्नड़ जिले के बंटवाल तालुक में कथित तौर पर सड़क पर चित्रकारी करके लिखा है, “हम वापस आएंगे।”
कर्नाटक पुलिस ने मंगलवार को यह जानकारी दी। पुलिस के अनुसार पिल्टाबेट्टू में स्नेहागिरी के निवासियों ने सड़क पर चित्रकारी देखी जिसमें साफ लिखा था: “चड्ढीधारी सावधान रहो! हम, पीएफआइ, वापस आएंगे।” पुलिस ने बताया कि सड़क पर यह सफेद पेंट से लिखा था। स्थानीय निवासियों ने इस बारे में पुलिस को सूचित किया। पुलिस ने कहा कि जांच शुरू कर दी गई है। जिले में इससे पहले हिंसा और निशाना बनाकर हत्या किए जाने के मामले सामने आ चुके हैं।
एनआइए की कार्रवाई से टूटी संगठन की रीढ़
केंद्रीय जांच एजेंसी एनआइए की कार्रवाई ने पीएफआइ की रीढ़ तोड़ दी है। केंद्र सरकार से प्रतिबंध लगने के बाद पीएफआइ सदस्यों की धरपकड़ एनआइए ने और भी तेज कर दी है। पीएफआइ का पूरी बहीखाता एनआइए एक के बाद एक खोल रहा है। अब तक पीएफआइ की साजिशों के कई बड़े राज देश के सामने आ चुके हैं। इसमें पीएफआइ किस तरह से देश में हिंदुओं के खिलाफ साजिश कर रहा था और कैसे नफरत और दंगा फैलाने के लिए विदेशों से फंड ले रहा था, अब यह सब परत खुल रही है। ऐसे में एनआइए पीएफआइ सदस्यों से पूरा हिसाल लेगा। इसलिए भी पीएफआइ के पास अब बौखलाहट के अलावा कुछ भी नहीं बचा है।
Image Source : India TvPFI On RSS
केरल पुलिस ने पीएफआइ से संबंधों को नकारा
इधर केरल पुलिस ने मीडिया में आई उन खबरों को मंगलवार को बेबुनियाद करार दिया, जिनमें दावा किया गया था कि राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआइए) ने राज्य पुलिस प्रमुख को सैकड़ों पुलिसकर्मियों के पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआइ) से संबंध होने की बात कही थी। कुछ खबरों में दावा किया गया कि एनआइए ने राज्य पुलिस प्रमुख को एक रिपोर्ट दी थी, जिसमें यह संकेत दिया गया था कि केरल पुलिस के 873 कर्मियों के पीएफआइ से संबंध हैं। एनआइए ने हाल में देशभर में पीएफआइ के दफ्तरों में छापा मारा था और संगठन के नेताओं को गिरफ्तार किया था। राज्य पुलिस के मीडिया सेंटर द्वारा जारी एक विज्ञप्ति के अनुसार, इस तरह की खबरें बेबुनियाद हैं। केंद्र सरकार ने 27 सितंबर को पीएफआइ को प्रतिबंधित कर दिया था और इसके अगले ही दिन संगठन की केरल इकाई के एक नेता ने एक बयान में कहा कि संगठन को भंग कर दिया गया है।
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