11 साल की बच्ची से छेड़खानी का आरोप, यात्रियों ने रेल कर्मी को पीटकर मार डाला
बरौनी से नई दिल्ली जा रही ट्रेन में कुछ लोगों ने एक रेल कर्मचारी को इतना पीटा कि उसकी मौत हो गई। रेल कर्मी को पीटने वाले लोगों का आरोप है कि उसने उनकी बच्ची के साथ छेड़खानी की थी।
उत्तर प्रदेश के कानपुर से छेड़खानी का एक मामला सामने आया है जिसमें लोगों ने आरोपी को पीट-पीटकर मार डाला। दरअसल बरौनी से नई दिल्ली जा रही हमसफर एक्सप्रेस के AC कोच में कुछ लोगों ने एक रेल कर्मी को जमकर पीटा। लोगों ने रेल कर्मचारी को चलती ट्रेन में लखनऊ के ऐशबाग से पीटना शुरु किया और कानपुर सेंट्रल स्टेशन आने तक उसे पीटते रहे। इतनी पिटाई होने के कारण उस रेल कर्मचारी की मौत हो गई है। आइए आपको विस्तार से पूरे मामले की जानकारी देते हैं।
रेल कर्मचारी को लोगों ने क्यों मारा?
GRP के मुताबिक हमसफर एक्सप्रेस के M-1 कोच में एक परिवार सफर कर रहा था। उनके साथ एक 11 साल की बच्ची भी सफर कर रही थी। रेल कर्मी प्रशांत कुमार ने उस बच्ची को अपनी सीट पर बैठा लिया था। रात में बच्ची की मां जब टॉयलेट गई तो उस रेल कर्मी ने बच्ची के साथ छेड़खानी की। बच्ची जब रोने लगी तो रेल कर्मी ने उसे डरा दिया जिससे बच्ची सहम गई। उसकी मां जब वापस आई तो बच्ची उनसे लिपटकर रोने लगी। इसके बाद मां ने अपनी बेटी को टॉयलेट ले जाकर इसका कारण पूछा तो बच्ची ने सब कुछ बता दिया।
अपनी बच्ची के साथ हुई घटना के बारे में जानकर महिला ने अपने पति, ससुर के साथ ही अन्य यात्रियों को इसके बारे में बताया। इसके बाद बच्ची के परिजन और अन्य यात्री को गुस्सा आ गया। गुस्साए यात्रियों ने आरोपी को पकड़ा और गैलेरी में ले जाकर पीटना शुरू किया। लोगों ने आरोपी कर्मी को जब पीटना शुरु किया तब ट्रेन लखनऊ के ऐशबाग में थी और कानपुर सेंट्रल जाने तक उसे पीटा और वहां पहुंचकर पीड़िता के परिजनों ने इस घटना की जानकारी रेलवे कंट्रोल को दे दी।
आरोपी की हो गई मौत
घटना की जानकारी मिलने के बाद GRP ने आरोपी कर्मी को हिरासत में लेकर थाने ले गई। पुलिस के साथ ही पीड़िता के परिजन भी थाने गए जहां बच्ची की मां ने आरोपी के खिलाफ तहरीर दी। इसके बाद GRP ने आरोपी को मेडिकल के लिए केपीएम भेजा जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। वहीं अब आरोपी रेल कर्मी प्रशांत कुमार के परिजनों ने भी हत्या की तहरीर दी है।
प्रशांत कुमार से जुड़ी जरूरी जानकारी
आपको बता दें कि प्रशांत कुमार का आधिकारिक नाम अरुण कुमार था जो बिहार के मुजफ्फरपुर का रहने वाला था। मृतक की उम्र 34 साल थी और वो रेलवे में ग्रुप डी का कर्मचारी था जो मुजफ्फरपुर में ही तैनात था। घटना के दिन वो दिल्ली जा रहा था और इसलिए उसने सीवान से हमसफर एक्सप्रेस में जनरल टिकट लेकर सवार हो गया था। इसके बाद टीटी ने उससे पेनल्टी लेकर उसका AC का टिकट बना दिया था। उसके घर वालों के मुताबिक वो मानसिक रूप से ठीक नहीं था।
(अनामिका गौड़ की रिपोर्ट)
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